BS Infra Summit 2025: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को कहा कि सरकार सड़कों, पुलों और सुरंगों के निर्माण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल की तैयारी कर रही है। इससे निर्माण की क्वालिटी, सुरक्षा और गति में सुधार होगा।
बिजनेस स्टैंडर्ड इंफ्रास्ट्रक्चर समिट (BS Infra Summit) में गडकरी ने कहा, “हम रोड, ब्रिज और टनल निर्माण में AI लागू करने पर विचार कर रहे हैं। साथ ही प्रीकास्ट तकनीक को अनिवार्य बनाने की योजना भी है।” प्रीकास्ट तकनीक में कंक्रीट के हिस्सों को साइट के बाहर एक नियंत्रित वातावरण में पहले से तैयार किया जाता है। इसके बाद इन्हें निर्माण स्थल पर लाकर जोड़ा जाता है। इस तकनीक के कई फायदे हैं। इससे निर्माण का समय कम होता है। गुणवत्ता पर बेहतर नियंत्रण मिलता है। साथ ही, स्ट्रक्चर की मजबूती और टिकाऊपन भी बढ़ता है।
उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और जलभराव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए AI का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा, ”हिमाचल और उत्तराखंड में भूस्खलन बड़ी चुनौती है। हम AI की मदद से जलभराव और भूस्खलन संभावित स्थानों की पहचान करेंगे और ब्रिज की ताकत की निगरानी भी करेंगे।”
गडकरी ने कहा कि सरकार टिकाऊ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रही है। हम पहले ही ग्रीन हाईवे बनाने का फैसला कर चुके हैं। निर्माण उपकरणों में वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। 80 लाख टन से ज़्यादा म्युनिसिपल कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में हुआ है। इसके साथ बायो-बिटुमेन, वेस्ट रबर और प्लास्टिक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। हम नई तकनीक और इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं।”
डिजिटल टोलिंग सिस्टम पर उन्होंने बताया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) ने डिजिटल टोल कलेक्शन शुरू कर दिया है। अब टोल बैरियर-फ्री हो गया है। ₹3,000 का सालाना पास भी जारी किया गया है। इससे माल ढुलाई के खर्च कम हो रहे हैं।”
हाईवे फंडिंग पर गडकरी ने कहा, ”मेरे पास संसाधनों की कमी नहीं है। मुझे किसी से निवेश नहीं चाहिए। मेरी समस्या एक्सपर्टीज की है, फंडिंग की नहीं। हमारी टोल इनकम 55,000 करोड़ रुपये सालाना है। यह अगले साल 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचेगी। सभी प्रोजेक्ट आर्थिक रूप से फायदेमंद हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, ”हर साल देश में 5 लाख सड़क हादसे होते हैं और करीब 1.8 लाख लोगों की जान जाती है। इनमें से 66% मृतक 18 से 36 साल के होते हैं। सुरक्षित सड़कें और इंजीनियरिंग हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती लोगों का व्यवहार और नियम पालन है। हेलमेट नहीं पहनना, लेन तोड़ना और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी आम है।”
गडकरी ने बताया कि अब हर दोपहिया वाहन के साथ दो ISI मार्क वाला हेलमेट देना अनिवार्य होगा। स्कूलों में सड़क सुरक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति हादसे के शिकार को अस्पताल पहुंचाता है, तो उसे 25,000 रुपये की इनाम राशि मिलेगी। इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक का खर्च सरकार उठाएगी।
उन्होंने बताया कि भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी तेज़ी से बढ़ी है। जब मैंने मंत्रालय संभाला था तब इंडस्ट्री का आकार ₹12 लाख करोड़ था। आज यह ₹22 लाख करोड़ हो चुका है और भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है।
भविष्य की योजनाओं को लेकर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”मेरा लक्ष्य ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत 1 डॉलर प्रति किलो तक लाना है। हाइड्रोजन भविष्य का सबसे महत्वपूर्ण ईंधन है और भारत इसमें वैश्विक नेतृत्व करेगा।”