संसद का मानसून सत्र इस वर्ष 21 जुलाई से 12 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संवाददाताओं को दी। उन्होंने बताया कि यह निर्णय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की सिफारिश पर लिया गया है।
रीजीजू ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान नियमों के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ ने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक हवाई हमलों की कार्रवाई है। यह हमला पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद किया गया, जिसमें 26 लोगों की जान गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। यह हमला देश की सुरक्षा पर गंभीर चिंता का विषय बना और इसी के बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया।
विशेष सत्र की मांग और सरकार का रुख
3 जून को विपक्ष के 16 दलों ने एक साझा बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर “संसद से डरने” यानी ‘Parliamentophobia’ का आरोप लगाया।
हालांकि, सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार विशेष सत्र बुलाने के पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि जब मानसून सत्र पहले से तय है, तो उससे पहले एक और सत्र बुलाने की कोई जरूरत नहीं है।
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क्या संसद में होगा ऑपरेशन सिंदूर पर संवाद?
सरकारी सूत्रों ने यह भी संकेत दिए हैं कि मानसून सत्र के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में ऑपरेशन सिंदूर की पूरी जानकारी देंगे और इस विषय पर चर्चा भी की जा सकती है। इसके अलावा, सरकार पहले ही एक सर्वदलीय बैठक में इस ऑपरेशन की जानकारी विपक्षी नेताओं को दे चुकी है।
संसद का पिछला सत्र
संसद का पिछला सत्र बजट सत्र था, जो 31 जनवरी को शुरू हुआ और 4 अप्रैल को समाप्त हुआ। इसके बाद से संसद में कोई बैठक नहीं हुई। मानसून सत्र अब करीब साढ़े तीन महीने बाद पहली बैठक होगी, जो 21 जुलाई को सुबह 11 बजे से शुरू होगी।
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First Published : June 4, 2025 | 5:14 PM IST