राजनीति

विकास पर केंद्रित रहे सरकार के 100 दिन

प्रधानमंत्री मोदी ने की 100 दिन की योजनाओं की सराहना, 21वीं सदी के लिए भारत को बताया सबसे अच्छा निवेश स्थल

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श्रेया जय   
Last Updated- September 16, 2024 | 11:00 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की 100 दिनों की योजनाएं मुख्य तौर पर बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास पर केंद्रित हैं। प्रधानमंत्री नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम री-इन्वेस्ट के चौथे संस्करण के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पहले 100 दिनों का काम सरकार की प्राथमिकताओं को उजागर करता है। इससे हमारी गति और पैमाने की झलक मिलती है। इस दौरान देश के भौतिक एवं सामाजिक बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए कई निर्णय लिए गए हैं। भारत 7 करोड़ मकानों का निर्माण कर रहा है जो कई देशों की आबादी से भी अधिक है। पिछले दो कार्यकाल के दौरान लोगों को 4 करोड़ मकान सौंपे गए।’

मोदी ने कहा कि इस सरकार ने 12 नए औद्योगिक शहरों के निर्माण, 8 हाईस्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी, 15 से अधिक सेमी-हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत, अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान कोष की स्थापना, ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलों की घोषणा, बेहतर प्रदर्शन वाले बायोमैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा और बायो ई3 नीति को मंजूरी देने जैसे प्रमुख निर्णय लिए हैं।

हरित ऊर्जा के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि बढ़ती ऊर्जा जरूरतों और देश में तेल एवं गैस की कमी के बावजूद सरकार की प्रतिबद्धता बरकरार है। उन्होंने कहा, ‘7,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अंतर कोष योजना एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है। भारत आने वाले समय में 12,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 31,000 मेगावॉट पनबिजली उत्पादन की दिशा में काम कर रहा है। इसे हाल में मंजूरी दी गई है।’

महात्मा मंदिर के खचाखच भरे हॉल में लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत की विविधता, पैमाना, क्षमता, संभावना एवं प्रदर्शन सभी अनोखे हैं और ये विश्व के लिए भारतीय समाधानों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। पूरी दुनिया का मानना है कि भारत 21वीं सदी का सबसे अच्छा दांव है। आज का भारत केवल आज के लिए नहीं बल्कि अगले हजार साल के लिए बुनियाद तैयार कर रहा है।’

‘हमारा लक्ष्य महज शीर्ष पर पहुंचना ही नहीं है, बल्कि हमारी तैयारी शीर्ष पर टिके रहने की है। भारत भलीभांति जानता है कि साल 2047 तक विकसित देश बनने के लिए हमारी क्या जरूरतें हैं। हम यह भी जानते हैं कि हमारे पास अपना तेल एवं गैस भंडार नहीं है। हम ऊर्जा पर निर्भर नहीं हैं। इसलिए हमने सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, परमाणु एवं पनबिजली पर आधारित अपने भविष्य का निर्माण करने का फैसला किया है।’

इससे पहले प्रधानमंत्री ने हाल ही में लॉन्च की गई पीएम सूर्यघर योजना के लाभार्थियों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि करीब 3.75 लाख मकानों में रूफटॉप सोलर लगाए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘केवल इस योजना से ही भारत का हर घर बिजली उत्पादक बनने जा रहा है। अब तक 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा परिवार इसमें पंजीकृत हो चुके हैं। अब तक इस योजना के तहत 3.25 लाख मकानों में रूफटॉप सोलर लगाने का काम पूरा हो चुका है।’

प्रधानमंत्री ने पीएम-कुसुम योजना का भी उल्लेख किया जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। उन्होंने मोढेरा गांव का भी जिक्र किया जो भारत का पहला मॉडल सोलर विलेज है। मोदी ने कहा कि अयोध्या देश का पहला मॉडल सोलर सिटी बनने की तैयारी कर रहा है।

First Published : September 16, 2024 | 11:00 PM IST