मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन में विगत दिनों भारत बंद के दौरान हुए दंगों के मुद्दे पर मंगलवार को विधानसभा में भारी शोर-शराबे के बीच राज्य सरकार ने 1608 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया।
संभवत: बुधवार को यह बजट पारित हो जाएगा। विपक्षी दलों ने अध्यक्ष के आसन के समक्ष भारी हंगामा किया। हाल में बंद के दौरान इंदौर में कई लोग मारे गए थे और इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां शिवराज सरकार से इस्तीफे की मांग कर रही थीं। इस मसले पर नारेबाजी करते हुए विपक्ष ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी।
अनुपूरक बजट में सबसे अधिक मांग 200 करोड़ रुपये ऊर्जा, सूखा राहत के लिए 100 करोड़ रुपये और खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के लिए 125 करोड़ रुपये की मांग रखी गई है। आश्चर्यजनक रूप से प्रारंभिक शिक्षा को छोड़कर अन्य खर्चों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 100 करोड़ रुपये से अधिक राशि की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री, आरएसएस और सिमी जैसे संगठन राज्यों में सरकार के षडयंत्र से सुनियोजित तरीके से दंगे करवाकर राज्य में विकास का माहौल बिगाड़ रहे हैं। राज्य को गुजरात पैटर्न पर चुनाव के लिए तैयार किया जा रहा है। आरोपों को नकारते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि विपक्ष बजट जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बहस से बच रहा है।
शिवराज सिंह ने कहा कि ‘इस अंतिम सत्र में अनुपूरक बजट के अलावा अन्य जनहित के मुद्दे भी थे जिन पर चर्चा करना विपक्ष ने जरूरी नहीं समझा। विपक्ष का यह रवैया गैर जिम्मेदाराना, बचकाना और लोकतांत्रिक परंपराओं के विपरीत है।’