श्रम मंत्रालय की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के स्मार्ट कार्ड की संख्या दोगुनी हो सकती है,क्योंकि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के मजदूरी भुगतान कार्ड को भी इसमें शामिल किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) को श्रम मंत्रालय कार्यान्वित करता है, जबकि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एनआरईजीपी) ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत चलाई जा रही है।
इन दोनों मंत्रालयों के बीच पिछले सप्ताह हुई बैठक में कहा गया कि स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल अस्पताल की फीस भरने के अलावा अन्य प्रकार के भुगतान के लिए भी किया जा सकता है।
इस उद्देश्य के लिए एक अंतर-मंत्रालयीय समूह का गठन किया गया है, जो स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल एनआरईजीपी के मजदूरी भुगतान की संभावनाओं पर काम कर रहा है।आरएसबीवाई को लागू करने वाले श्रम मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है, ‘हम इस कार्ड को अन्य तरह की योजनाओं में भी बतौर नकद भुगतान के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहे वह शिक्षा हो या जन वितरण प्रणाली, किसी भी प्रकार के नकद भुगतान के लिए उसे स्मार्ट कार्ड से जोड़ा जा सकता है।’
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल और तरीके से करने के लिए एनआरईजीपी एक बेहतरीन तरीका है। दरअसल हम ऐसी योजना चाहते हैं, जिससे सबके बारे में बात की जा सके और स्मार्ट कार्ड इसके लिए काफी उपयुक्त है।’
आरएसबीवाई जहां 30 रुपये के सालाना भुगतान पर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को जीवन बीमा मुहैया कराती है, वहीं एनआरईजीपी के तहत ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिलाया जाता है। श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हालांकि स्मार्ट कार्ड में पहले से ही काफी मेमोरी उपलब्ध है, फिर भी एक साल के अंदर इसे32 किलोबाइट से बढ़ा कर 64 किलोबाइट कर दिया जाएगा।
कई राज्य सरकारों ने अपना खुद का स्मार्ट कार्ड जारी किया है, ताकि एनआरईजीपी के तहत मिल रही मजदूरी का भुगतान आसानी से संभव हो सके। अब देखना यह है कि क्या ये राज्य आरएसबीआई की तरफ अपना ध्यान आकर्षित करेंगे या नहीं।
श्रम मंत्रालय के मुताबिक आरएसबीवाई के तहत 5 लाख स्मार्ट कार्ड जारी किए जा चुके हैं और 10 हजार कार्ड हर दिन जारी किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ एनआरईजीपी के तहत 2.5 करोड़ जॉब कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। कई राज्य तो इस कार्ड के जरिये भुगतान के लिए बैंक और डाकघर को चुनने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
दोनों मंत्रालय इस बात पर काम कर रहे हैं कि एनआरईजीपी के तहत आने वाले सभी लोगों को स्वास्थ्य बीमा नेटवर्क से जोड़ा जा सके। जबकि आरएसबीवाई केवल गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए है, जिनका 30 रुपये के सालाना भुगतान पर 30,000 रुपये का स्वास्थ्य बीमा किया जाता है और एनआरईजीपी में गरीबी रेखा का होना कोई मानदंड नहीं है।
एनआरईजीपी में ऐसे भी लोगों को रोजगार दिया जाता है, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर नहीं कर रहे हैं। मंत्रालय इस बात पर सतर्कता बरतेगा कि इन दोनों सुविधाओं को एक साथ करने पर कार्ड वितरण में किसी तरह का ओवरलैपिंग न हो।
स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्डधारी इस योजना के तहत देश के किसी भी राज्य के अस्पताल में अपना इलाज करवा सकते हैं।