सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने भोपाल में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के माध्यम से माइक्रो-फाइनैंस यानी लघु ऋण देने का काम शुरू कर दिया है।
इस दिशा में एसबीआई ने भोपाल में अपनी पहली शाखा भी खोल दी है। बैंक एनजीओ को सीधे तौर पर ऋण राशि देगा। इसके बाद एनजीओ खुद से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को यह राशि मुहैया कराएगा। अभी तक केवल नाबार्ड ही बैंकों को पुनर्वित्त के माध्यम से एसएचजी का वित्त पोषण करता था।
बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘इस वित्त वर्ष में हम लोगों ने 8-10 करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है और उम्मीद है कि माइक्रो फाइनैंस के काम में भाग लेने के लिए यह एक और रास्ता होगा।’ हालांकि पीएलआर के मुकाबले ब्याज दर अधिक हो जाएगी।
अधिकारी ने बताया, ‘वर्तमान में हम लोग एनजीओ को 12.5-13 फीसदी की दर से ऋण मुहैया कराते हैं लेकिन वे एसएचजी को 16 फीसदी की दर से ऋण मुहैया कराएंगे।’ बैंक वित्त, अनुभव, काम, गतिविधि और लक्ष्य समूह के आधार पर मानदंड स्थापित करते हुए एनजीओ का चयन करेगा। एक अनुमान के मुताबिक मध्य प्रदेश में करीब 3.75 लाख एसएचजी हैं जिसे राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाता है।