सिल्क को मिलेगी नई पहचान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:35 AM IST

दुनिया भर में मशहूर बनारसी सिल्क और सोनभद्र के कॉरपेट को जल्द नई पहचान मिलेगी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वाराणसी में हाईटेक सिल्क, वीविंग ऐंड डिजाइन क्लस्टर, सोनभद्र के घोरावल में कॉरपेट और दरी क्लस्टर के लिए कॉमन फैसेलिटी सेंटर (सीएफसी) की मंजूरी दी है। दोनों सीएफसी की स्थापना के राज्य सरकार की ओर से अपनी हिस्सेदारी की धनराशि जारी कर दी गई है। इन क्लस्टरों का निर्माण केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से किया जाएगा।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव लघु उद्यम डा. नवनीत सहगल ने बताया कि इन परियोजनाओं से वाराणसी और सोनभद्र में पैकेजिंग और विपणन आदि कार्यों में कारीगरों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सीएफसी में उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं कारीगरों को मिलेंगी, जिससे इकाइयों के उत्पाद वैश्विक उत्पादों से भी प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। वाराणसी क्लस्टर में केंद्र सरकार का अनुदान 9.53 करोड़ रुपये और राज्य सरकार का अनुदान 2.77 करोड़ रुपये है। इसके तहत 20 करोड़ तक की परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं।
सहगल के मुताबिक वाराणसी और सोनभद्र में सीएफसी की स्थापना से कारीगरों को एक ही स्थान पर मार्केटिंग, पैकेजिंग, टेस्टिंग लैब, रॉ मटेरियल बैंक आदि की उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं न्यूनतम दरों पर मिलेंगी। इससे उनके उत्पादों में और निखार आएगा, जिससे बनारसी टेक्सटाइल, कॉरपेट और दरी सहित अन्य उत्पादों के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही घरेलू बाजार में भी डिमांड बढ़ेगी। वाराणसी में टेक्सटाइल क्लस्टर के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट पर कुल 13.85 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने 1.21 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए हैं। ऐसे ही सोनभद्र जिले के घोरावल में कॉरपेट और दरी क्लस्टर में केंद्र सरकार का अनुदान 5.40 करोड़ रुपये और राज्य सरकार का अनुदान 77.22 लाख रुपये है। इसके लिए राज्य सरकार ने प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति देते हुए 31 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। इससे कॉरपेट, दरी के कारीगरों को कच्चा माल और तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे कॉरपेट, दरी सहित अन्य उत्पादों के उत्पादन में वृद्धि होगी। इसके अलावा उत्पादों की मार्केटिंग से रोजगार सृजन के साथ कॉरपेट कारीगरों की आय में भी वृद्धि होगी।
अपर मुख्य सचिव का कहना है कि इससे बुनकरों और कारीगरों सहित कारोबारियों को अपने उत्पादों के वैल्यू एडिशन का लाभ मिलेगा, जिससे बनारसी सिल्क और सिल्क स्कार्फ , कॉरपेट और दरी सहित अन्य उत्पादों के एक्सपोर्ट और घरेलू बाजार में भी डिमांड बढ़ेगी।
टेक्सटाइल क्लस्टर के स्पेशल पर्पज ऑफ व्हीकल (एसपीवी) के डायरेक्टर अमरनाथ मौर्या ने बताया कि सीएफसी के लिए हरदत्तपुर बीकापुर रोहनिया में डेढ़ करोड़ की लागत से 14 हजार वर्गफुट जमीन खरीदी गई है।

First Published : October 2, 2021 | 11:33 AM IST