हाल ही में सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के जिस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, उसने पंजाब सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी नीतियों पर भी असर डालना शुरू कर दिया है।
दरअसल, राज्य सरकार अब सूचना और प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए प्रस्तावित विशेष औद्योगिक नीतियों से संबंधित कदम भी काफी फूंक फूंक कर रख रही है।
राज्य के उद्योग मंत्री मनोरंजन कालिया ने बताया कि किसी भी आगामी आईटी परियोजना को मंजूरी देने के पहले अब विभिन्न पहलुओं की जांच की जाएगी।
कालिया ने कहा, ‘हालांकि सत्यम जैसा घोटाला किसी ऐसी कंपनी में ही हो सकता था जो पहले से परिचालनरत हो और साथ ही इस मामले में कंपनी के ऑडिटर भी जिम्मेदार हैं, फिर भी सरकार इस घोटाले के बाद अब पहले से अधिक सतर्क हो गई है।’
पंजाब सरकार ने प्रमुख आईटी कंपनियों को राज्य की ओर आकर्षित करने के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र से संबंधित एक औद्योगिक नीति को मंजूरी देने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया, ‘इस प्रस्तावित आईटी नीति में कई लुभावनी पेशकश हैं। इसमें जमीन और क्षेत्रफल का अनुपात 1:3 और ऐसी कंपनियां जो कम से कम 300 लोगों को सुनिश्चित रोजगार उपलब्ध कराएगी उसे मुफ्त जमीन देने की पेशकश भी शामिल है।’
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित परियोजना से जुड़े किसी पक्ष पर अगर रियायतों का गलत लाभ उठाने का संदेह होगा, तो परियोजना को आखिरी मंजूरी देने के पहले उसे सख्त जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा।