facebookmetapixel
Q2 Results: Tata Motors, LG, Voltas से लेकर Elkem Labs तक; Q2 में किसका क्या रहा हाल?पानी की भारी खपत वाले डाटा सेंटर तटीय पारिस्थितिकी तंत्र पर डाल सकते हैं दबावबैंकों के लिए नई चुनौती: म्युचुअल फंड्स और डिजिटल पेमेंट्स से घटती जमा, कासा पर बढ़ता दबावEditorial: निर्यातकों को राहत, निर्यात संवर्धन मिशन से मिलेगा सहारासरकार ने 14 वस्तुओं पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश वापस लिए, उद्योग को मिलेगा सस्ता कच्चा माल!DHL भारत में करेगी 1 अरब यूरो का निवेश, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में होगा बड़ा विस्तारमोंडलीज इंडिया ने उतारा लोटस बिस्कॉफ, 10 रुपये में प्रीमियम कुकी अब भारत मेंसुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर रोकदिल्ली और बेंगलूरु के बाद अब मुंबई में ड्रोन से होगी पैकेज डिलिवरी, स्काई एयर ने किया बड़ा करारदम घोंटती हवा में सांस लेती दिल्ली, प्रदूषण के आंकड़े WHO सीमा से 30 गुना ज्यादा; लोगों ने उठाए सवाल

औषधि ज्ञान के लिए प्रक्रिया शुरू

Last Updated- December 08, 2022 | 1:05 AM IST

केन्द्र सरकार द्वारा रायबरेली में राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) की स्थापना की घोषणा के बाद से उत्तर प्रदेश के औषधि विभागों में चल रही प्रवेश प्रक्रिया में काफी तेजी आ गई है।


ऐसा होने से नए स्थापित होने वाले इन 6 एनआईपीईआर में कार्य शुरू हो गया है। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्र रायबरेली में एनआईपीईआर के लिए जमीन न उपलब्ध करवाने पर इनके निर्माण में और भी देरी हो गई है। रायबरेली में एनआईपीईआर अभी भारतीय टेलीफोन इंडस्ट्री लिमिटेड के प्रांगण में अस्थायी तौर पर चल रहा है।

इस विभाग ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ‘विज्ञान एंव औद्योगिक अनुसंधान विभाग’ (डीएसआईआर) के साथ भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। औषधि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सभी नए एनआईपीईआर को चलाने में सीडीआरआई जैसे देश के प्रतिष्ठित शोध संगठनों की मदद ली जाएगी।

एक अधिकारी के मुताबिक, ‘इसके लिए हम केन्द्र के चार विभागों के साथ दीर्घावधि समझौते करेंगे। डीएसआईआर के साथ ऐसा समझौता हम पहले ही कर चुके हैं। भविष्य में हम बायोटेक्नोलॉजी विभाग, विज्ञान विभाग और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ भी ऐसे समझौते  करेंगे।’

डीसीआईआर के अंतर्गत आने वाला भारतीय रसायन तकनीक संस्थान हैदराबाद में निर्मित किये जाने वाले एनआईपीईआर के लिए मदद उपलब्ध करवाएगा। इस विभाग ने फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री द्वारा चालित एक निजी ट्रस्ट पीईआरडी के साथ भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है।

कोलकाता में डीबीटी संस्थान कोलकाता में एनआईपीईआर की जिम्मेदारी संभालेगा। इसी तरह आईसीएमआर या स्वास्थ्य मंत्रालय के संस्थान गुवाहाटी और बिहार के हाजीपुर में एनआईपीईआर को मदद मुहैया कराएंगे।

First Published - October 23, 2008 | 8:58 PM IST

संबंधित पोस्ट