औद्योगिक मंदी का असर उत्तर प्रदेश की सरकारी संस्थाओं पर भी नजर आने लगा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अब प्लॉट बेचने से तौबा कर फ्लैट का निर्माण व बिक्री की शुरुआत की है।
प्राधिकरण ने इसी साल कई अपार्टमेंटों के निर्माण की घोषणा भी कर दी है। हाल ही में अपनी बोर्ड बैठक में प्राधिकरण ने स्वीकार किया है कि प्लॉट बेचना अब फायदे का धंधा नहीं रहा है। प्राधिकरण ने कहा है कि लखनऊ में अब फ्लैट की मांग बढ़ रही है। हाल ही में कई निजी बिल्डरों की अपार्टमेंट परियोजना पर आम जनता ने खासी रुचि दिखाई है।
बोर्ड ने बैठक में तय किया कि पहले से विकसित योजनाओं में फ्लैट का निर्माण किया जाए और उनकी लागत भी कम रखी जाए। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कैबिनेट बैठक कर राज्य में लंबाई में विकास की जगह ऊंचाई में विकास की बात कही है। सरकार की इस घोषणा के बाद सबसे पहले लखनऊ और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने सस्ती दरों पर फ्लैट देने की परियोजना की शुरुआत की है।
गाजियाबाद, राजेंद्र नगर, प्रतापपुरम, इंदिरापुरम में दुर्बल आय वर्ग के लिए आवास बनाने के काम की शुरुआत हो चुकी है। लखनऊ में प्राधिकरण ने गोमतीनगर क्षेत्र में फ्लैट बनाने की योजना बनाई है। कानपुर रोड स्थित अपनी योजना में भी फ्लैट योजना की शुरुआत की है। दूसरी ओर एक अन्य सरकारी संस्था आवास विकास परिषद भी प्रदेश के कई शहरों में फ्लैट बनाने की योजना पर काम कर रही है।