महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे ताकतवार पवार परिवार केंद्रीय एजेंसियों की जांच में लगातार घिरता जा रहा है। परिवार और पार्टी नेताओं को घिरते देख राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने मोर्चा संभालते हुए दावा किया कि विपक्ष को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय अंवेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) समेत केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार से जुड़ी कंपनियों पर आयकर विभाग के छापों का जिक्र करते हुए राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि एजेंसी के अधिकारी बुधवार को छठे दिन छापे की कार्रवाई कर रहे हैं जो बहुत असामान्य है। उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई और एनसीबी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। मुंबई पुलिस के नारकोटिक्स (मादक पदार्थ) रोधी प्रकोष्ठ ने एनसीबी से बेहतर काम किया है। महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना और कांग्रेस के साथ शामिल राकांपा ने पहले कहा था कि वह अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं पर केंद्रीय एजेंसियों के हमलों का पूरी ताकत के साथ सामना करेगी। आयकर विभाग ने वरिष्ठ राकांपा नेता अजित पवार के रिश्तेदारों के राज्य में स्थित कंपनियों पर छापे मारे थे। वरिष्ठ राकांपा नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख भी अनेक आरोपों में केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे हैं। एनसीबी ने हाल में अनेक छापे मारे हैं। उनके से कई छापे चर्चित लोगों के यहां मारे गए हैं।
शरद पवार बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अच्छा है कि भाजपा नेता अभी तक स्वयं को मुख्यमंत्री मानते हैं। मैं उन्हें बधाई देता हूं। पांच साल तक मुख्यमंत्री रहने के बाद भी फडणवीस को लगता है कि वह इस पद पर हैं। मेरे पास इस विशेषता की कमी रही। मैंने चार बार मुख्यमंत्री के रूप में काम किया, किंतु मुझे कभी ऐसा नहीं लगा। एक दिन पहले फडणवीस ने नवी मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि महाराष्ट्र के लोगों ने मुझे कभी यह महसूस नहीं कराया कि मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मुझे अब भी लगता है कि मैं मुख्यमंत्री हूं क्योंकि मैं पिछले दो साल से राज्य में घूम रहा हूं। लोगों का प्यार और स्नेह कम नहीं हुआ है।
साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिली थीं, लेकिन बहुमत से दूर होने के चलते वह सरकार नहीं बना पाई थी। इसके बाद शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने गठबंधन सरकार बनाई थी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे।