facebookmetapixel
बिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटकाNDA के वादे और वित्तीय सीमाएं: ‘विकसित बिहार’ का सपना कितना संभव?सेबी 17 दिसंबर की बैठक में करेगा हितों के टकराव और खुलासा नियमों की सिफारिशों पर विचारकोटक महिंद्रा बैंक 15 साल बाद स्टॉक स्प्लिट पर फिर करेगा विचार, 21 नवंबर को होगी बोर्ड बैठकअंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी सिनेमा को पहचान दिलाने वाली मशहूर अभिनेत्री कामिनी कौशल का निधनDPDP नियम लागू होने के बाद बढ़ेगी सहमति प्रबंधकों की मांग और भूमिकाअगले पांच वर्षों में 5 करोड़ भारतीय निकलेंगे छुट्टियों पर, पर्यटन उद्योग में आएगी लंबी उछालDPDP कानून के बाद एआई ट्रेनिंग का पर नया संकट: सहमति, डेटा हटाने और बढ़ती लागतों से कंपनियों की बढ़ेगी चुनौती

मुंबई: एसईजेड बनाम सिंचित जमीन

Last Updated- December 08, 2022 | 2:00 AM IST

रिलांयस अध्यक्ष मुकेश अंबानी के सहायक आंनद जैन की कंपनी जय कार्पोरेशन के मुंबई एसईजेड (विशेष आर्थिक क्षेत्र) के लिए भूमि आबंटन के सिलसिले में हुई रायशुमारी को महीने से अधिक समय हो चुका है लेकिन राज्य सरकार ने रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है।


महाराष्ट्र सरकार ने अब सिंचाई विभाग से उसे यह बताने को कहा है कि जिन किसानों ने रायशुमारी में अपनी जमीन देने से मना किया है, वे क्या हेतावाने बांध से पानी की सुविधा लेने जा रहे हैं और जिन्होंने हां कहा है उन्हें कब से यह सुविधा मिलेगी।

गौरतलब है कि रायगढ़ जिले के 22 गांवों में मुंबई एसईजेड के लिए जमीन देने के मसले पर रायशुमारी की गई थी। राज्य सरकार ने यह रायशुमारी राज्य के सामाजिक कार्यकर्ताओं के दबाव में आकर की थी।

इन सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना था कि जमीन अधिग्रहण योजना में इन 22 गांवों को शामिल नहीं किया जाए, क्योंकि ये गांव हेतावाने बांध से पानी लेने जा रहे हैं और 2007 की विशेष आर्थिक नीति के अंतर्गत कृषि योग्य भूमि का  एसईजेड के लिए अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है।

राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मुंबई एसईजेड को जमीन देने के लिए न कहने वाले किसानों से यह जानना आवश्यक है कि क्या वे बांध से पानी ले रहे हैं। अगर ले रहे हैं तो यह भी जानना जरूरी है कि पानी की प्राप्ति के लिए आवश्यक नहर का निर्माण कब तक हो जायेगा और किसान कब तक सीधे पानी ले सकेंगे।

सिंचाई विभाग के सूत्रों के मुताबिक कुल 145 घन मीटर पानी में से 30 घन मीटर पानी सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जाता है। बाकी का पानी पीने के लिए और औद्योगिक कार्यों के प्रयोग में लाया जाता है। यह 30 घन मीटर पानी 52 गांवों में उपलब्ध होगा। इन गांवों में वे 30 गांव भी शामिल हैं जो एसईजेड में सम्मिलित नहीं है।

सूत्रों का कहना है कि 1 घन मीटर पानी से 68 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है। खास बात यह है कि लगभग 2990 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहण के लिए चयनित किया गया है। मुंबई एसईजेड प्रतिरोध समिति की वैशाली पाटिल से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि ‘हम पहले ही बता चुके है कि रायशुमारी में भाग लेने वाले 90 फीसदी किसानों ने एसईजेड के लिए जमीन देने के लिए न कह दिया था। हम जल्द ही मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख से मिलने की योजना बना रहे हैं।

First Published - October 31, 2008 | 9:36 PM IST

संबंधित पोस्ट