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चरमरा रहा है चमड़ा उद्योग

Last Updated- December 08, 2022 | 1:05 AM IST

भले ही केंद्र सरकार ने चमड़ा उद्योग को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में शामिल कर लिया हो लेकिन वैश्विक स्तर पर छाई आर्थिक मंदी की ताप से शहर का प्रसिध्द चमड़ा उद्योग चरमरा रहा है।
 
एक अनुमान के मुताबिक यहां से करीब 800 करोड़ रुपये का चमड़ा उत्पाद निर्यात किया जाता है। चमड़ा उद्योग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अगर पिछले साल की तुलना में देखें तो इस साल निर्यात कारोबार में 50 फीसदी तक की कमी दर्ज की गई है।

नई दिल्ली के  प्रगति मैदान में हाल ही में आयोजित ‘लेदर मेले’ में भी निर्यात अनुमानित रेखा से काफी नीचे ही रहा। दृश शू लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय शर्मा ने बताया, ‘चमड़ा उद्योग में अधिकांश विदेशी खरीदार अमेरिका और यूरोप से हैं लेकिन आज बड़ी संख्या में उन खरीदारों की संख्या घटती जा रही है।’

शर्मा ने बताया कि विदेशी खरीदारों के निर्यात ऑर्डर  में 50 फीसदी तक की कमी आ गई है। उन्होंने बताया कि संकट के इस दौर में केंद्र सरकार भी चमड़ा उद्योगपतियों को दो फीसदी की दर से दिए जाने वाले ऋण योजना को वापस ले ली है।

First Published - October 23, 2008 | 9:06 PM IST

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