कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी का कहना है कि वैश्विक मंदी के इस दौर में भारत और अन्य एशियाई देशों को शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में खुद को शुमार करने के लिए अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
राहुल गांधी ने बुधवार को उत्तराखंड के अपने तीन दिवसीय दौरे की समाप्ति पर पत्रकारों से कहा कि वैश्विक परिदृश्य में देखें तो भेल ही मंदी का आलम छाया हुआ हो लेकिन एशिया का बाजार दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है, जोकि एक शुभ संकेत है।
भारत जैसे एशियाई देशों के लिए यहां संभावनाएं ही संभावनाएं है। छोटी अवधि के लिए यह मंदी भले ही कष्टदायी नजर आए लेकिन लंबे समय के लिए भारत की अर्थव्यवस्था को अंतराष्ट्रीय तौर पर स्थापित करने में यह मंदी विशेष भूमिका निभाएगी।
वैश्विक मंदी के भय पर टिप्पणी करते हुए गांधी ने कहा कि यह मंदी भारत के विकास के लिए बहुत ही अहम है। हमें अपनी वैश्विक पहुंच के लिए पुरजोर कोशिश करनी चाहिए। यही समय है जब हमें मुख्य क्षेत्रों जैसे ऊर्जा, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
अगर हम इन तीन क्षेत्रों का ही पर्याप्त विकास कर लेते है तो हमें आगे बढ़ने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने वाली है और भारत विकसित देशों की श्रेणी में शुमार हो जाएगा। भारत के अगले प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर गांधी ने कहा कि वह ऐसे काल्पनिक विचारों से अभी दूर रहना चाहते है। उन्होंने यह भी कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के ‘युवराज’ के तौर पर भी ब्रांडेड नहीं होना चाहते है।