उत्तराखंड उद्योग संघ (आईएयू) ने नए उद्योगों की स्थापना की संभावनाएं तलाशने के लिए राज्य में जिलावार सर्वेक्षण का अनुरोध किया है।
आईएयू के अध्यक्ष पंकज गुप्ता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी से मुलाकात कर यह आग्रह किया ताकि नए उद्यमों में स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया जा सके।
खंडूड़ी ने शिष्टमंडल को आश्वासन दिया है कि वह विशेष पहाड़ी औद्योगिक नीति 2008 के तहत उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए उन्हें और मौजूदा इकाइयों को विभिन्न रियायतें मुहैया कराएंगे।
इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में बिजली आपूर्ति को दुरुस्त बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री से पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण में तेजी लाने का भी आग्रह किया है।
उत्तराखंड उद्योग संघ ने मुख्यमंत्री से राज्य में गैस और कोयला आधारित बिजली परियोजनाओं की स्थापना की संभावनाओं को तलाशने का भी आग्रह किया है। राज्य में औद्योगीकरण को गति प्रदान करने के लिए आईएयू के महासचिव अनिल गोयल को राज्य सरकार और उद्योगपतियों के बीच लगातार बैठकें आयोजित करने के लिए कहा गया है।
रियायती औद्योगिक पैकेज के नवीकरण के विस्तार मांग के बारे में खंडूड़ी ने बताया कि वे राज्य में 10 वर्षों की कुल अवधि के लिए कर छूट के विस्तार पक्ष में हैं। खंडूड़ी ने बताया कि इस बाबत वह पहले से ही केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। केंद्र सरकार के साथ हाल ही में हुई कई बैठकों में उन्होंने सीआईपी को 2013 तक बढ़ाने की मांग की है।
मालूम हो कि जनवरी 2003 की विशेष कर छूट योजना के बाद उत्तराखंड के औद्योगिक क्षेत्र में बूम देखने को मिला था। उस दौरान टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, नेस्ले, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ब्रिटानिया, एलजी जैसी बड़ी कंपनियों ने केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे विभिन्न कर प्रोत्साहनों का लाभ उठाने के लिए नई इकाइयां स्थापित की थी।