बेंगलुरू व अहमदाबाद में हुए बम विस्फोट की गूंज दिल्ली के बाजारों में भी सुनाई देने लगी है। ग्राहक बाजार आने से कतरा रहे हैं। दुकानदार खौफजदा है।
सदर बाजार हो या फिर करोल बाग, सभी प्रमुख बाजारों में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों की तैनाती दहशत को बयां कर रही है। सदर बाजार में दोपहर 4 बजे के बाद सामान उतारने व चढ़ाने का काम बंद कर दिया गया है। जबकि देश के सबसे बड़े इस बाजार में रात भर सामान उतारने व चढ़ाने का काम चलता था।
सामान ढ़ोने वाले टैंपो की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गयी है। ये सभी कदम ऐहतियात के तौर पर उठाए गए हैं और कारोबारियों को इससे कोई गुरेज भी नहीं है। कारोबारियों के एक संगठन ने तो गृह मंत्री से रिटायर्ड आर्मी, पुलिसकर्मी एवं व्यापारियों को मिलाकर सिटीजन पुलिसिंग की मांग की है।
ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रधान ओम प्रकाश जैन कहते हैं, ‘आतंकियों ने कहा था कि अहमदाबाद व बेंगलुरू के बाद दिल्ली का नंबर है। इससे कारोबार पर फर्क तो पड़ता ही है। हम सभी सहमे हैं।’ व्यापारियों के मुताबिक सदर बाजार के 60 फीसदी ग्राहक दिल्ली से 300-350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इलाकों के कारोबारी है। कनफेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स के महासचिव देवराज बवेजा कहते हैं, ‘यहां 90 फीसदी आइटम घरेलू है। कोई बाहरी कारोबारी जान जोखिम में डालकर सदर बाजार क्यों आएगा। जब तक कि बहुत ही आवश्यक नहीं हो। ग्राहकी बिल्कुल आधी रह गयी है।’
व्यापारी कहते हैं कि बम विस्फोट के बाद सदर बाजार व करोल बाग जैसे व्यस्त बाजारों की चौकसी बढ़ा दी गयी है। हर नुक्कड़ पर सीसीटीवी लगाए गए हैं फिर भी लोगों में दहशत है। खारी बावली ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव हेमंत गुप्ता कहते हैं, ‘दुकानदार की तो मजबूरी है इसलिए वे दुकान पर आ रहे हैं। यहां तक कि अभी वे घर के दूसरे सदस्य को दुकान पर लाने से कतरा रहे हैं। हर आदमी इन दिनों भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से हिचक रहा है।’