दुर्गापुर के बाद बंगाल एरोट्रोपोलिस प्रोजेक्टस लिमिटेड (सीएपीएल) और चांगी एयरपोर्ट इंटरनेशनल लिमिटेड (सीएआई) की संयुक्त उद्यम कंपनी उत्तर भारत में दूसरे मालवाहक हवाई अड्डे की स्थापना की संभावनाएं तलाश रही है।
बीएपीएल के निदेशक राज शेखर अग्रवाल ने बताया कि ‘हम तीन राज्यों पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में दूसरे मालवाहक हवाई अड्डे की स्थापना पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि इन राज्यों के कई स्थानों पर विचार किया जा रहा है और किसी विशेष स्थान के बारे में फैसला करना अभी बाकी है। हम एक ऐसे स्थान को तलाश रहे हैं जहां कुछ हद तक औद्योगीकरण हुआ हो ताकि वहां हवाई अड्डे की स्थापना का फायदा मिल सके। इन हवाई अड्डों का मॉडल दुर्गापुर में बन रहे हवाई अड्डे की तरह ही होगा।
सीएआई इस हवाई अड्डे का प्रबंधन करने के अलावा परियोजना में निवेश करने पर भी विचार कर रही है। अग्रवाल ने बताया कि चांगी हवाई अड्डे में निवेश करने के लिए तैयार है। फंड की जरुरत के अलावा लंबे समय तक गठजोड़ के लिहाज से भी चांगी का साथ आना महत्वपूर्ण है।
दुर्गापुर हवाई अड्डे में सीएआई के काम में 24 महीने तक निर्माण कार्य की निगरानी और 12 से 18 महीने तक हवाई अड्डे का प्रबंधन शामिल है। बीएपीएल चांगी के साथ गठजोड़ का कम से कम 4 साल के लिए बढ़ाना चाहती है। दुर्गापुर हवाई अड्डे पर 2010 तक प्रतिवर्ष 3 लाख से अधिक यात्रियों की आवाजाही होने की उम्मीद है। हवाई अड्डा अगले दो या तीन वर्षो में बन कर तैयार हो जाएगा।
यह परियोजना दुर्गापुर आसनसोल रोड पर है। हवाई अड्डे के प्रबंधन के लिए टीम अगले 2 से 3 महीनों में तैयार हो जाएगी। कंपनी हवाई अड्डों के निर्माण के अलावा मरम्मत, रखरखाव और ओवरहालिंग (एमआरओ) व्यवसाय और विमानन अकादमी वेंचर की शुरूआत करने की इरादा भी रखती है। इनकी शुरूआत भी अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर की जाएगी।