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दिवाली पर बाजार में लौटी रौनक

Last Updated- December 08, 2022 | 1:45 AM IST

मंदी के काले साये से जहां कारोबार घुप्प अंधकार में समा गया था, दिवाली की जगमग रोशनी से वह अंधेरा काफूर हो गया।


खरीदारों की दरियादिली से फुटपाथिये व्यापारी हों या कॉरपोरेट हाउस के बड़े कारोबारी, सबके चेहरे पर रौनक लौट आई। मोमबत्तियां, तोरण, गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां, जो दोपहर 2 बजे तक 50 से 100 रुपये में मिल रही थी, वह शाम 6 बजे तक 300 से 400 रुपये में बिकने लगी।

बताशा जो आमतौर पर मुंबई में 40-50 रुपये किलोग्राम मिलता है, उसकी कीमत 200 रुपये के पार पहुंच गई। त्योहार के नाम पर बाजारों में मची इस लूट का असर सब्जियों और फलों पर भी पड़ा। टमाटर लाल होकर 60 रुपये, तो गोभी छिटक कर 65 रुपये और पालक 50 रुपये पर इतरा रही थी। लोगों ने लक्ष्मी पूजा के नाम पर अपनी जेब ढीली करने में कोई कोताही नहीं बरती।

First Published - October 29, 2008 | 9:45 PM IST

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