पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो-ज़रदारी
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो-ज़रदारी ने भारत के सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित करने के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बिलावल ने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान का पानी रोका गया तो “या तो सिंधु में हमारा पानी बहेगा या उनका खून।”
सिंध प्रांत के सुक्कुर इलाके में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा कि सिंधु नदी पाकिस्तान की है और हमेशा रहेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जिस हजारों साल पुरानी सभ्यता की बात करते हैं, वह असल में मोहनजोदड़ो (लरकाना) की सभ्यता है, और इसके असली रक्षक हम हैं।
बिलावल ने कहा कि मोदी सरकार पाकिस्तान के पानी पर नजरें गड़ा रही है, लेकिन सिंध की जनता और सिंधु नदी के बीच का हजारों साल पुराना रिश्ता कोई तोड़ नहीं सकता। उन्होंने चारों प्रांतों से एकजुट होकर अपने पानी की रक्षा के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
PPP अध्यक्ष ने कहा, “भारत की आक्रामकता और सिंधु नदी पर डाका डालने की कोशिश को न तो पाकिस्तान की जनता और न ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय बर्दाश्त करेगा। हम दुनिया को संदेश देंगे कि सिंधु पर डाका बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
बिलावल ने अपने समर्थकों से भारत के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का खुद भी शिकार रहा है और वह भारत में हुए हालिया आतंकी हमले की निंदा करता है।
भारत ने मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की मौत हुई) के बाद पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को घटा दिया था। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।
भारत के सिंधु जल संधि निलंबन के जवाब में पाकिस्तान ने भी सख्त कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने शिमला समझौते को निलंबित करने और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को भी होल्ड पर रखने की धमकी दी है। इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार रोक दिया है और भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिया है। पाकिस्तान ने कहा है कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि के तहत उसे मिलने वाला पानी रोका, तो इसे ‘युद्ध की कार्यवाही’ माना जाएगा।
गौरतलब है कि शिमला समझौता 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो (बिलावल के दादा) के बीच साइन हुआ था।
इसके साथ ही बिलावल भुट्टो ने शुक्रवार को ऐलान किया कि संघीय सरकार ने अब फैसला किया है कि नए नहरों का निर्माण सभी प्रांतों की सहमति के बिना नहीं किया जाएगा। यह फैसला काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (CCI) में लिया गया है, जो प्रांतों के बीच विवाद सुलझाने वाली उच्चस्तरीय संस्था है।