शिक्षा नगरी में अवैध विदेशी छात्रों की धरपकड़

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 12:06 AM IST

पुणे में अवैध रूप से रह कर पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों के खिलाफ प्रशासन ने एक प्रमुख फैसला सुनाया है।
पुणे पुलिस प्रशासन ने 225 विदेशी छात्रों को हिरासत में ले लिया है और अब उन्हें उनके देश वापस भेजने की कार्यवाही की जा रही है। इनमें से अधिकांश छात्र सूडान, नाइजीरिया, ईरान, खाड़ी देशों और अफ्रीकी देशों के हैं। ये छात्र शहर के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे थे।
पुणे पुलिस ने सिम्बियॉसिस, फर्ग्युसन कॉलेज, पूना कॉलेज, वाडिया कॉलेज, बीएमसीसी और स्पाइसर कॉलेज समेत 25 शिक्षा संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पुलिस का मानना है कि इन कॉलेजों ने विदेशी कॉलेजों के बारे में विस्तृत जांच पड़ताल किए बिना उन्हें दाखिला दे दिया था।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक भानुप्रताप बारगे ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि विदेशी छात्रों को दाखिला देने के पहले शिक्षा संस्थानों को कई पहलुओं की जांच करनी होती है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर शिक्षण संस्थान विदेशी छात्रों के वीजा के बारे में जानकारी नहीं लेते हैं जो कि गलत है।
विदेशी छात्रों को हर साल अपना वीजा रिन्यू कराना चाहिए और वे तभी कहीं भी दाखिला ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि शहर के शिक्षा संस्थानों ने इस बारे में सख्त कदम और निगरानी नहीं रखी थी और यही वजह है कि छात्र अवैध रूप से शहरों में बसने लगे थे।
उन्होंने इस बारे में सूडान के एक छात्र का उदाहरण दिया जो 19 साल पहले पुणे आया था और तब से पूना कॉलेज में ही पढ़ाई कर रहा था। बारगे ने बताया, ‘वह हर साल बी कॉम प्रथम वर्ष में दाखिला लेता था और परीक्षा में नहीं बैठता नहीं था। कॉलेज प्रशासन हर साल उसे दाखिला दे देता था पर कभी भी संस्थान ने इस बारे में कोई खोज खबर नहीं ली कि उसका वीजा सही है या नहीं।’
इस घटना का पता चलने के बाद ही पुणे पुलिस की विशेष शाखा ने पिछले साल ऐसे छात्रों की शिनाख्त के लिए मुहिम छेड़ी। तब से लेकर अब तक ऐसे 225 मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इस घटना के बाद अब उन कॉलेजों को भी नहीं बख्शा जाएगा जो अपनी आरे से जांच को लेकर मुस्तैद नजर नहीं आए। बारगे ने कहा, ‘हमने ऐसे कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।’
पुणे को देश के शिक्षा केंद्र के रूप में जाना जाता है और शहर में करीब 8,000 नए विदेशी छात्र हैं जो शहर के 80 से ऊपर शिक्षा संस्थानों में दाखिला लेकर पढ़ रहे हैं। इनके अलावा भी काफी संख्या में ऐसे छात्र भी हैं जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो गई है या फिर जिनका पाठयक्रम पूरा हो चुका है और उसके बाद भी वे अवैध तरीके से शहर में रह रहे हैं।
वहीं कॉलेजों का कहना है कि वे ऐसे मामलों को रोकने के लिए अपनी ओर से सभी आवश्यक कदम उठाते रहे हैं। सिम्बियॉसिस कॉलेज ऑफ ऑट्र्स ऐंड कॉमर्स के प्राध्यापक ऋषिकेष सोमन ने बताया, ‘हमारे कॉलेज में दाखिला पुणे विश्वविद्यालय के मापदंडों के आधार पर ही लिया जाता है। हम पुणे पुलिस के निर्देशों का पालन कर रहे हैं पर हमारे यहां ऐसा कोई विदेशी छात्र नहीं है जो सालों से एक ही कक्षा में पढ़ाई कर रहा हो।’
वहीं बृहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राध्यापक अनिरुद्ध देशपांडे ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि खाड़ी देशों में छात्रों को बड़े पैमाने पर छात्रवृत्तियां दी जाती हैं और इस कारण वे भारत में लंबे समय तक रह कर पढाई करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि पुणे विदेशी छात्रों को सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर लगता है, इस वजह से वे यहां आकर लंबे समय तक पढ़ाई करते हैं। उन्होंने बताया, ‘हमारे कॉलेज में केवल उन्हीं विदेशी छात्रों को दाखिला मिलता है जो विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय छात्र केंद्र से आते हैं। फिर भी हम इस मसले पर पुणे पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं।’
इधर इस मसले को लेकर विदेशी छात्र काफी चिंतित हैं। नौरोजी वाडिया कॉलेज में कला विषय की पढ़ाई कर रहे एक विदेशी छात्र ने बताया, ‘हमें पता है कि कुछ ऐसे छात्र हैं जो यहां पढ़ाई नहीं कर रहे हैं फिर भी वे इस शहर में रह रहे हैं। पर वे शहर के लिए किसी तरह की समस्या खड़ी नहीं कर रहे हैं। पुलिस को इस समस्या को देखते हुए सब पर एक जैसा फैसला नहीं थोपना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो इससे जो छात्र गंभीरता के साथ पढ़ाई कर रहे हैं उन पर भी असर पड़ेगा।’
वहीं ईरान से आया एक छात्र जो एस पी जैन कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है, ने बताया, ‘कई विदेशी छात्र यहां रह कर रैकेट चला रहे हैं और उनका काम पैसे बनाना है। कॉलेज भी बस फीस जुटाने के लिए विदेशी छात्रों को दाखिला दे देता है।’
हालांकि पुलिस ने इन छात्रों के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दायर नहीं किया है। बारगे ने कहा कि अगर हम ऐसे छात्रों के खिलाफ मुकदमा दायर करते हैं तो आखिरी फैसला आने तक उन्हें भारत में ही रहना पड़ेगा।
शहर में विभिन्न संस्थानों में हर साल करीब 8,000 नए विदेशी छात्र लेते हैं दाखिला
कथित तौर पर 35,000 से अधिक विदेशी छात्र कर रहे हैं पुणे में रह कर पढ़ाई
सूडान, ईरान, यूएई, नाइजीरिया और बांग्लादेश से आते हैं सबसे अधिक छात्र
सिम्बियॉसिस, पूना कॉलेज समेत 25 संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी

First Published : April 11, 2009 | 6:16 PM IST