बुंदेलखंड में अर्जुन सहायक नहर परियोजना का होगा लोकापर्ण

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 7:15 AM IST

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में दशकों से लंबित पड़ी अर्जुन सहायक नहर परियोजना का अब जल्द ही लोकापर्ण होगा। बुंदेलखंड के महोबा, हमीरपुर और बांदा जिलों के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने वाली इस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को सौंपेंगे। इसी के साथ अब उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से बदायूं को छोड़ सभी 74 जिलों में नहरों का जाल बिछ जाएगा।

बुधवार को 2,600 करोड़ रुपये की लागत वाली अर्जुन सहायक परियोजना का निरीक्षण करते हुए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था के बाद बुंदेलखंड की धरती सोना उगलेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना महोबा, हमीरपुर और बांदा के लाखों किसानों की खुशहाली की वजह बनेगी। गौरतलब है कि योगी सरकार ने चार दशकों से लंबित रही सरयू व मध् गंगा परियोजना को भी पूरा करने का फैसला किया है। इन सभी परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि एक-दो माह में प्रधानमंत्री के हाथों अर्जुन सहायक परियोजना का लोकार्पण होगा।
मुख्‍यमंत्री योगी ने कहा कि अर्जुन सहायक नहर परियोजना से 1.5 लाख किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जबकि चार लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। धसान नदी पर बनी इस परियोजना से महोबा, बांदा और हमीरपुर के 168 गांवों के किसानों को सिंचाई और चार लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। लगभग 15,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के तहत 44,381 हेक्टेयर नई सिंचाई क्षमता का विस्तार होना है।
इस मौके पर बुंदेलखंड की जनता को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री योगी ने कहा कि नदी भारत की संस्कृति व परंपरा व जल के पवित्र स्रोत का आधार रही है। लेकिन आजादी के बाद तत्कालीन सरकारों ने इसे लेकर कोई प्रयास नहीं किया। कुछ योजनाएं बनीं भी तो धन की कमी आड़े आ गई। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम कृषि सिंचाई योजना के साथ ही किसी भी परियोजना में धन की कमी नही होने दी।
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पेयजल से आधी बीमारियां अपने आप दूर हो जाएंगी। बुंदेलखंड में हम जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचा रहे हैं। इस क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर कई स्तर पर कार्य कर रहे हैं। बुंदेलखंड को एक्सप्रेसवे, डिफेंस कॉरिडोर और जल जीवन मिशन जैसी परियोजनाएं नई ऊंचाई पर ले जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे संस्थाओं के सीएसआर ( कारपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी) फंड के जरिए स्कूलों का कायाकल्प कराएं।

First Published : March 10, 2021 | 5:02 PM IST