facebookmetapixel
खेतों में उतरी AI तकनीक: कम लागत, ज्यादा पैदावार और किसानों के लिए नई राहChildren’s Mutual Funds: बच्चों के भविष्य के लिए SIP, गुल्लक से अब स्मार्ट निवेश की ओरDPDP एक्ट से बदलेगी भारत की डिजिटल प्राइवेसी की दुनिया: DSCI CEOसीनियर सिटिजन्स के लिए FD पर 8% तक का ब्याज, ये 7 छोटे बैंक दे रहे सबसे ज्यादा रिटर्नMarket Outlook: विदेशी निवेशकों का रुख, डॉलर की चाल, व्यापक आंकड़े इस सप्ताह तय करेंगे शेयर बाजार की दिशाSMC Bill 2025: क्या घटेगी सेबी की ताकत, निवेशकों को मिलेगा ज्यादा भरोसा? जानिए इस विधेयक की खास बातेंघर बनाने का सपना होगा आसान, SBI का होम लोन पोर्टफोलियो 10 ट्रिलियन पार करेगाMCap: 6 बड़ी कंपनियों का मार्केट वैल्यू बढ़ा ₹75,257 करोड़; TCS-Infosys की छलांगVedanta डिमर्जर के बाद भी नहीं थमेगा डिविडेंड, अनिल अग्रवाल ने दिया भरोसाRailway Fare Hike: नए साल से पहले रेल यात्रियों को झटका, 26 दिसंबर से महंगा होगा सफर; जानें कितना पड़ेगा असर

आर्थिक सुधार को खतरा

Last Updated- December 12, 2022 | 5:43 AM IST

रविवार को राजधानी में कोविड-19 संक्रमण के 25,000 से अधिक नए मामले सामने आने और करीब 30 फीसदी की संक्रमण दर  (कुल जांच मेंं संक्रमितों का प्रतिशत) होने के बाद दिल्ली सरकार ने सोमवार को कफ्र्यू एक सप्ताह के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया। लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल राष्ट्रीय राजधानी ही बढ़ते संक्रमण से जूझ रही हो। महाराष्ट्र में पहले ही कफ्र्यू लागू है तथा राज्य सरकार और कड़ाई बरतने पर विचार कर रही है। अनेक अन्य राज्य सरकारों ने भी किसी न किसी प्रकार के प्रतिबंध लागू किए हैं ताकि वायरस का प्रसार रोका जाए और चिकित्सा बुनियादी ढांचे को दबाव से बचाया जा सके। राज्य सरकारों ने जो कदम उठाए हैं वे समझे जा सकते हैं और शायद आवश्यक भी हैं लेकिन इन बातों का असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ेगा। यदि कोविड के हालात जल्दी स्थिर नहीं होते और राज्यों को लॉकडाउन बढ़ाना पड़ता है तो आर्थिक परिदृश्य ज्यादा खराब हो सकता है।
पेशेवर पूर्वानुमान लगाने वालों ने वर्ष के वृद्धि अनुमानों में संशोधन शुरू कर दिया है। जबकि कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अर्थव्यवस्था पर पिछले वर्ष जैसा असर नहीं होगा क्योंकि कंपनियों और सरकार दोनों को हालात की बेहतर समझ है लेकिन इस बीच कई ब्रोकरेज ने वृद्धि पूर्वानुमान में 10 फीसदी तक की कमी करनी शुरू कर दी है। ऐसा स्थानीय स्तर पर लगने वाले लॉकडाउन के कारण मांग और आपूर्ति प्रभावित होने के कारण हो रहा है। यह भी संभव है कि चालू तिमाही का वास्तविक उत्पादन गत वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही की तुलना में कम रहेगा। नीति निर्माताओं को आंकड़ों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करना होगा। सालाना अनुमानों पर निर्भर रहने के बजाय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर क्रमिक रूप से नजर डालना उचित होगा। यदि कोविड संक्रमण के कारण तेजी से बिगड़ते हालात को लेकर सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द तैयारी शुरू करें तो बेहतर होगा।
राजस्व संग्रह के ताजा आंकड़े संकेत देते हैं कि आर्थिक गतिविधियां अनुमान से तेज गति से सुधर रही हैं और कर संग्रह बीते वर्ष के संशाोधित अनुमान से बेहतर है। परंतु बीते कुछ सप्ताह में हकीकत तेजी से बदली है जो बजट अनुमानों को एक बार फिर अस्थिर कर सकती है। सरकार ने चालू वर्ष के लिए 14.4 फीसदी की असमायोजित जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है। हालांकि एक समय यह अनुमान काफी संकीर्ण नजर आ रहा था लेकिन अगर महामारी पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया तो इसे हासिल करना भी टेढ़ी खीर होगा। अनुमान से धीमी वृद्धि राजस्व को प्रभावित करेगी और सरकार को सर्वाधिक वंचित वर्ग के प्रति समर्थन बढ़ाना होगा। उदाहरण के लिए प्रवासी श्रमिक एक बार फिर अपने घरों को लौट रहे हैं और उन्हें मदद की जरूरत होगी।
सरकार को खाद्यान्न का नि:शुल्क वितरण दोबारा शुरू करना चाहिए और ग्रामीण रोजगार योजना में अधिक संसाधन आवंटित करने चाहिए। इससे बचा नहीं जा सकता और कम राजस्व तथा उच्च व्यय के कारण राजकोषीय घाटा और उधारी की जरूरत बढ़ेगी। इससे बॉन्ड कीमतों पर दबाव बढ़ेगा। बॉन्ड प्रतिफल को सीमित रखने के लिए नकदी डालने से मुद्रास्फीति का जोखिम पैदा होगा। आपूर्ति शृंखला के बाधित होने और जिंस कीमतों में इजाफा होने से भी मुद्रास्फीति की दर बढ़ेगी। मार्च में वास्तविक मुद्रास्फीति बढ़कर 5.5 फीसदी हो गई लेकिन थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित दर 7.39 फीसदी के साथ आठ वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। उच्च मुद्रास्फीति भी समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को प्रभावित करेगी। परंतु यदि आरबीआई बॉन्ड बाजार मेंं हस्तक्षेप नहीं करता तो ब्याज दरें बढ़ेंगी और आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करेंगी। सरकार और केंद्रीय बैंक के समक्ष कोई आसान नीतिगत विकल्प मौजूद नहीं हैं।

First Published - April 19, 2021 | 11:29 PM IST

संबंधित पोस्ट