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RBI ने घटाई ब्याज दर, अब होम लोन की EMI होगी कम – जानिए कैसे बचा सकते हैं ज्यादा पैसे

रेपो रेट से लिंक्ड लोन पर इसका असर जल्दी दिखेगा, लेकिन जिनके लोन अभी भी पुराने MCLR या बेस रेट से जुड़े हुए हैं, उन्हें इसका फायदा धीरे-धीरे मिलेगा।

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सुरभि ग्लोरिया सिंह   
Last Updated- April 10, 2025 | 10:09 AM IST

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने होम लोन लेने वालों को बड़ी राहत दी है। बैंक ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसे 6 प्रतिशत कर दिया है। यह इस साल की दूसरी कटौती है। इससे पहले फरवरी में रेपो रेट को 6.5 से घटाकर 6.25 प्रतिशत किया गया था। इस फैसले से उन लोगों की मासिक किस्त (EMI) में सीधे तौर पर राहत मिलेगी जिनके लोन रेपो रेट से जुड़े हुए हैं।

EMI होगी सस्ती, लेकिन फायदे की शर्तें भी हैं

Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, फिलहाल जो सबसे कम होम लोन रेट मिल रहे हैं, वो 8.10% से 8.35% के बीच हैं। हालांकि, ये रेट्स उन्हीं लोगों को मिलते हैं जिनका क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर होता है या जो लोन को रिफाइनेंस करवा रहे होते हैं। यानी सबको यह राहत एक जैसी नहीं मिलेगी।

रेपो रेट से लिंक्ड लोन पर इसका असर जल्दी दिखेगा, लेकिन जिनके लोन अभी भी पुराने MCLR या बेस रेट से जुड़े हुए हैं, उन्हें इसका फायदा धीरे-धीरे मिलेगा। शेट्टी ने सलाह दी है कि अगर किसी का लोन अभी भी बेस रेट या MCLR पर चल रहा है, तो वो इसे रेपो लिंक्ड लोन में बदलवा ले, ताकि ब्याज दर में बदलाव का फायदा तुरंत मिल सके।

इस बार की कटौती क्यों है खास

PL Capital के इकॉनमिस्ट अर्श मोगरे के मुताबिक, इस बार की दर कटौती इसलिए भी खास है क्योंकि अब भारत के 60% से ज्यादा बैंक लोन सीधे रेपो रेट से जुड़े हुए हैं। इससे RBI के फैसलों का असर तेजी से ग्राहकों तक पहुंचता है। उनका अनुमान है कि आगे और कटौतियां हो सकती हैं और 2025 के अंत तक रेपो रेट 5% से 5.25% तक आ सकती है। इससे होम लोन की ब्याज दरें भी करीब 1 से 1.25 प्रतिशत तक कम हो सकती हैं।

EMI में कितना फर्क पड़ेगा?

अगर किसी ने ₹50 लाख का लोन 10% ब्याज दर पर 20 साल के लिए लिया है, तो उसकी EMI ₹48,251 होती है। लेकिन अगर ब्याज दर 8% हो जाए तो EMI घटकर ₹43,391 रह जाएगी। यानी हर महीने लगभग ₹4,900 की बचत और पूरे लोन के दौरान करीब ₹11.7 लाख की बचत होगी। ये रकम काफी मायने रखती है, खासकर मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए।

हर कोई नहीं ले पाएगा तुरंत फायदा

हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि सभी ग्राहकों को इसका फायदा तुरंत नहीं मिलेगा। ANAROCK ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी का कहना है कि बैंकों ने अब तक पुरानी कटौतियों का भी पूरा असर ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है। इसकी वजह है बैंकों की खुद की फंडिंग लागत और मुनाफे पर दबाव। लेकिन अगर बैंक इस बार पूरी कटौती पास ऑन करते हैं, तो खासतौर पर अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के लिए ये काफी फायदेमंद हो सकता है। बहुत सारे लोग जो अब तक घर खरीदने को लेकर असमंजस में थे, वो अब कदम बढ़ा सकते हैं।

होम लोन ग्राहकों के लिए क्या है सही रणनीति?

विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में होम लोन लेने या उसे दोबारा प्लान करने वालों को कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। अगर आप नए लोन की प्लानिंग कर रहे हैं, तो कुछ महीने इंतज़ार करें क्योंकि दरें और गिर सकती हैं। अगर आपका लोन MCLR या बेस रेट पर है, तो उसे तुरंत EBLR यानी रेपो-लिंक्ड लोन में बदलें। फिक्स्ड रेट वाले लोन, जो आमतौर पर NBFCs से लिए जाते हैं, 9.5% से 10% तक महंगे होते हैं—उन्हें फ्लोटिंग रेट पर शिफ्ट करने से भी फायदा हो सकता है। EMI में जो भी बचत हो, उसका इस्तेमाल आप या तो प्री-पेमेंट के लिए कर सकते हैं या फिर किसी बेहतर निवेश में। साथ ही, कम ब्याज दरों के चलते आपकी लोन एलिजिबिलिटी भी बढ़ सकती है, जिससे आप बड़ा घर या टॉप-अप लोन लेने की प्लानिंग कर सकते हैं।

First Published : April 10, 2025 | 10:09 AM IST