प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
Kisan Credit Card: किसानों के लिए खेती को आसान और किफायती बनाने के मकसद से शुरू की गई किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना अब और भी फायदेमंद हो गई है। केंद्रीय बजट 2025-26 में केंद्र सरकार ने इस योजना की लोन सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था। इतना ही नहीं, इसकी ब्याज दर भी 4% सालाना है, जो किसानों के लिए बड़ा लाभ है। इसके साथ ही सरकार ने इस योजना की ब्याज सहायता (इंटरेस्ट सब्सिडी) को वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने का फैसला किया है, जिससे किसानों को सस्ता लोन मिलना जारी रहेगा। यह खबर उन लाखों किसानों के लिए खुशखबरी है, जो खेती, पशुपालन या मछली पालन के लिए किफायती लोन की तलाश में हैं। आइए, इस योजना को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि इसे लेना कितना आसान है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में हुई थी। इसका मकसद था किसानों को उनकी खेती की जरूरतों के लिए सस्ता और आसान लोन उपलब्ध कराना। इस योजना को भारत सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और NABARD ने मिलकर शुरू किया था। यह कार्ड किसानों को एक क्रेडिट लाइन देता है, जिसका इस्तेमाल वे बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि उपकरण खरीदने पशुपालन और मछली पालन जैसे कामों के लिए कर सकते हैं। इस कार्ड की खासियत यह है कि यह 5 साल की वैलिडिटी के साथ आता है और समय पर लोन चुकाने पर ब्याज में छूट भी मिलती है।
हाल ही में सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लोन की अधिकतम सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। यह फैसला 2025 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिया, जिसका मकसद किसानों को उनकी बढ़ती जरूरतों के लिए ज्यादा आर्थिक सहायता देना है। इस लोन पर सामान्य ब्याज दर 7% सालाना है, लेकिन सरकार 2% की ब्याज सहायता देती है। इसके अलावा, अगर किसान समय पर लोन चुका देते हैं तो उसे 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है। इस तरह प्रभावी ब्याज दर सिर्फ 4% रह जाती है। यह सुविधा खेती के साथ-साथ मछली पालन और पशुपालन करने वाले किसानों के लिए भी उपलब्ध है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में संशोधित ब्याज सहायता योजना (Modified Interest Subvention Scheme – MISS) को वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है। इसका मतलब है कि किसानों को अगले वित्त वर्ष तक 4% की रियायती ब्याज दर पर लोन मिलता रहेगा। यह फैसला मई 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस कदम से देश के करीब 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को फायदा होगा। यह योजना सुनिश्चित करती है कि किसानों को कम लागत पर कार्यशील पूंजी मिले, ताकि वे अपनी खेती को और बेहतर कर सकें।
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना बेहद आसान है। कोई भी किसान, चाहे वह जमीन का मालिक हो, किरायेदार किसान हो या बटाईदार, सभी इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स में आधार कार्ड, पैन कार्ड, जमीन के डॉक्यूमेंट और फसल की जानकारी शामिल होती है। आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है।
ऑनलाइन आवेदन के लिए किसान को पीएम किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट (pmkisan.gov.in) पर जाना होगा। वहां से KCC का फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म में जमीन और फसल की जानकारी भरकर, जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ इसे नजदीकी बैंक में जमा करना होता है। अगर ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत हो, तो किसान अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर सीधे आवेदन कर सकता है। बैंक में एक साधारण फॉर्म भरना होता है, जिसमें जमीन के कागजात और पहचान पत्र जमा करने होते हैं। आमतौर पर, अगर सभी डॉक्यूमेंट सही हैं, तो 5 से 7 दिनों के अंदर बैंक लोन स्वीकृत कर देता है।
इसके अलावा, 1.6 लाख रुपये तक के लोन के लिए कोई सिक्योरिटी देने की जरूरत नहीं होती। 3 लाख रुपये से ज्यादा के लोन के लिए जमीन या अन्य संपत्ति को सिक्योरिटी के तौर पर रखना पड़ सकता है। साथ ही, इस कार्ड के साथ किसानों को फसल बीमा और डेबिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड एक रिवॉल्विंग कैश क्रेडिट खाते की तरह काम करता है। इसका मतलब है कि किसान जरूरत के हिसाब से पैसे निकाल सकता है और चुकाने के बाद फिर से लोन ले सकता है। लोन की राशि फसल की कटाई और बिक्री की अवधि के आधार पर चुकानी होती है। किसान को साल में दो बार ब्याज और एक बार पूरी लोन राशि जमा करानी होती है। अगर समय पर भुगतान किया जाता है, तो अगले ही दिन नया लोन लिया जा सकता है। यह लचीलापन किसानों के लिए बड़ा फायदा है, क्योंकि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह योजना सिर्फ खेती करने वालों तक सीमित नहीं है। पशुपालन, मछली पालन, बागवानी या अन्य कृषि से जुड़े काम करने वाले लोग भी इसके लिए पात्र हैं। इसके अलावा, स्वयं सहायता समूह (SHG) और संयुक्त देयता समूह (JLG) भी इस कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार का मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ मिले, ताकि वे अपनी खेती को आधुनिक और लाभकारी बना सकें।
किसान क्रेडिट कार्ड के साथ कई अतिरिक्त फायदे भी मिलते हैं। मसलन, अगर फसल प्राकृतिक आपदा या कीटों के कारण खराब हो जाती है, तो बीमा कवरेज मिलता है। इसके अलावा, अगर किसान अपने KCC खाते में पैसे जमा करता है, तो उसे बचत खाते की तरह ब्याज भी मिलता है। साथ ही, कई बैंक KCC के साथ रुपे डेबिट कार्ड भी देते हैं, जिससे किसान आसानी से मंडियों या इनपुट डीलरों के साथ लेन-देन कर सकते हैं।