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ITR Filing 2025: Form 16 के बिना ITR कैसे फाइल करें? ये डॉक्यूमेंट्स करेंगे आपकी मदद; जानें स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस

आमतौर पर सैलरीड लोग अपने एम्प्लॉयर से फॉर्म 16 लेते हैं, जिसमें उनकी सैलरी, टैक्स डिडक्शन (TDS), और अन्य जरूरी जानकारी होती है। लेकिन क्या हो अगर आपके पास फॉर्म 16 न हो?

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ऋषभ राज   
Last Updated- May 20, 2025 | 4:36 PM IST

ITR filing without Form 16: हर साल अप्रैल-मई आते ही टैक्सपेयर्स के दिमाग में एक ही सवाल घूमता है—इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख क्या है और इसे कैसे आसानी से पूरा किया जाए? वित्त वर्ष 2024-25 (AY26) के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सभी सात ITR फॉर्म्स (ITR-1 से ITR-7) पहले ही जारी कर दिए हैं। आमतौर पर सैलरीड लोग अपने एम्प्लॉयर से फॉर्म 16 लेते हैं, जिसमें उनकी सैलरी, टैक्स डिडक्शन (TDS), और अन्य जरूरी जानकारी होती है। लेकिन क्या हो अगर आपके पास फॉर्म 16 न हो?

तो इसके लिए आप चिंता बिल्कुल न करें! आप बिना फॉर्म 16 के भी आसानी से ITR फाइल कर सकते हैं। यहां हम जानने की कोशिश करेंगे कि कैसे आप कुछ ऑप्शनल डॉक्यूमेंट्स की मदद से ITR फाइल कर सकते हैं।

फॉर्म 16 क्या है और क्यों जरूरी है?

सबसे पहले ये समझते हैं कि फॉर्म 16 आखिर है क्या? फॉर्म 16 एक TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) सर्टिफिकेट है, जो आपका एम्प्लॉयर आपको देता है। इसमें आपकी सालाना सैलरी, उस पर काटा गया टैक्स और टैक्स में छूट (जैसे 80C, 80D) की जानकारी होती है। ये फॉर्म आमतौर पर मई के आखिर या जून के मध्य तक मिल जाता है, क्योंकि एम्प्लॉयर को 15 जून तक इसे जारी करना होता है। फॉर्म 16 ITR फाइल करने में बहुत मदद करता है, क्योंकि इसमें सारी जानकारी एक जगह मिल जाती है। लेकिन अगर ये न हो, तो भी आप परेशान न हों। कई ऑप्शनल डॉक्यूमेंट्स हैं, जिनसे आप अपना रिटर्न आसानी से फाइल कर सकते हैं।

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बिना फॉर्म 16 के ITR फाइल करना: क्या है तरीका?

ITR फाइल करने के लिए फॉर्म 16 ही होना जरूरी नहीं है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर आप बिना फॉर्म 16 के भी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ ऑप्शनल डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करने होंगे, जो आपकी इनकम, टैक्स और छूट की जानकारी दे सकें। ये डॉक्यूमेंट्स आसानी से उपलब्ध होते हैं और इनकी मदद से आप सही-सही ITR फाइल कर सकते हैं। आइए, जानते हैं कि कौन-कौन से डॉक्यूमेंट आपके काम आ सकते हैं।

1. फॉर्म 26AS: आपका टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट

फॉर्म 26AS आपका टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के TRACES पोर्टल से मिलता है। इसमें आपके सैलरी, ब्याज या दूसरे सोर्स से काटे गए TDS की पूरी जानकारी होती है। अगर आपके पास फॉर्म 16 नहीं है, तो फॉर्म 26AS आपके लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट है। आप इसे इनकम टैक्स की वेबसाइट (www.incometax.gov.in) (www.incometax.gov.in) से डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें न सिर्फ सैलरी से काटा गया TDS दिखता है, बल्कि बैंक ब्याज, किराए या अन्य इनकम पर काटा गया टैक्स भी शामिल होता है। ITR फाइल करते समय आपको इसकी डिटेल्स को क्रॉस-चेक करना होगा, ताकि कोई गलती न हो।

2. सैलरी स्लिप्स: इनकम का सबूत

अगर फॉर्म 16 नहीं है, तो आपकी सैलरी स्लिप बहुत काम आ सकती हैं। इनमें आपकी बेसिक सैलरी, HRA (हाउस रेंट अलाउंस) और अन्य भत्तों की जानकारी होती है। पूरे वित्त वर्ष की सैलरी स्लिप को इकट्ठा करें, खासकर मार्च की स्लिप, क्योंकि उसमें सालाना इनकम का लेखा-जोखा होता है। इन स्लिप्स से आप अपनी कुल इनकम का हिसाब लगा सकते हैं और ITR फॉर्म में सही-सही जानकारी भर सकते हैं। अगर आपके पास सैलरी स्लिप्स नहीं हैं, तो अपने एम्प्लॉयर से वार्षिक इनकम स्टेटमेंट मांग सकते हैं।

3. बैंक स्टेटमेंट: इनकम और ब्याज का रिकॉर्ड

आपका बैंक स्टेटमेंट भी ITR फाइल करने में बहुत मददगार है। इसमें आपकी सैलरी क्रेडिट, ब्याज इनकम (सेविंग्स अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट से) और अन्य लेन-देन की जानकारी होती है। अगर आप किराए या फ्रीलांसिंग से कमाई करते हैं, तो बैंक स्टेटमेंट से उसका हिसाब भी मिल सकता है। साथ ही, अगर आपने टैक्स बचाने के लिए कोई निवेश किया है (जैसे PPF, ELSS, या इंश्योरेंस प्रीमियम) तो बैंक स्टेटमेंट में उसका रिकॉर्ड भी दिखेगा। इन सबकी मदद से आप अपनी इनकम और छूट का सही हिसाब-किताब लगा सकते हैं।

4. निवेश और छूट के सबूत

टैक्स बचाने के लिए आपने जो निवेश किए हैं, जैसे 80C (PPF, ELSS, लाइफ इंश्योरेंस), 80D (हेल्थ इंश्योरेंस) या HRA (किराए का भुगतान)। इस सबके डॉक्यूमेंट्स जरूर इकट्ठा करें। इसमें इनवेस्टमेंट रिसिप्ट, रेंट रिसिप्ट या इंश्योरेंस प्रीमियम की पेमेंट डिटेल्स आदि शामिल हो सकती है। अगर आपने होम लोन लिया है, तो उसका ब्याज और प्रिंसिपल पेमेंट का स्टेटमेंट भी काम आएगा। ये सारे डॉक्यूमेंट्स ITR फाइल करते समय छूट का दावा करने में मदद करेंगे।

5. पैन और आधार कार्ड

ITR फाइल करने के लिए आपका पैन कार्ड और आधार कार्ड अनिवार्य हैं। ये दोनों न सिर्फ आपकी पहचान साबित करते हैं, बल्कि ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करने और रिटर्न वेरिफाई करने के लिए भी जरूरी हैं। आधार कार्ड की मदद से आप ई-वेरिफिकेशन आसानी से कर सकते हैं, जो ITR फाइलिंग का आखिरी स्टेप है।

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ई-फाइलिंग पोर्टल: फ्री और आसान तरीका

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट (www.incometax.gov.in) (www.incometax.gov.in) पर ITR फाइल करना बहुत आसान है। यहां आपको फॉर्म 16 अपलोड करने की जरूरत नहीं है और ये पूरी तरह फ्री है। बस आपको लॉगिन करना होगा, सही टैक्स रिजीम (ओल्ड या न्यू) चुनना होगा, और अपने इनकम के स्रोतों के हिसाब से सही ITR फॉर्म (जैसे ITR-1 या ITR-4) सिलेक्ट करना होगा। वेबसाइट पर ज्यादातर जानकारी, जैसे सैलरी, TDS, और ब्याज, पहले से भरी हुई मिलती है। आपको बस इसे फॉर्म 26AS और अन्य डॉक्यूमेंटों से मिलान करना होता है।

अगर आपकी इनकम कई स्रोतों से है, जैसे फ्रीलांसिंग, किराया, या शेयर मार्केट, तो आपको थोड़ा ज्यादा सावधान रहना होगा। ऐसे में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) या टैक्स प्रोफेशनल की मदद लेना बेहतर हो सकता है।

डिजिटल फॉर्म 16: एक नया विकल्प

अच्छी बात ये है कि अब फॉर्म 16 डिजिटल फॉर्मेट में भी उपलब्ध है। ये TRACES पोर्टल से सीधे जेनरेट होता है, जिससे इसकी जानकारी पूरी तरह सटीक और भरोसेमंद होती है। डिजिटल फॉर्म 16 में आपकी सैलरी, TDS, और डिडक्शंस की सारी डिटेल्स होती हैं। इसे आप टैक्स फाइलिंग प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर सकते हैं, जो आपका रिटर्न कुछ ही मिनटों में तैयार कर देता है। हालांकि, इन प्लेटफॉर्म्स की सर्विस के लिए कुछ फीस देनी पड़ सकती है। लेकिन अगर आप फीस नहीं देना चाहते, तो ई-फाइलिंग पोर्टल पर फ्री में रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

सही ITR फॉर्म चुनना क्यों जरूरी?

ITR फाइल करने से पहले सही फॉर्म चुनना बहुत जरूरी है। अगर आप गलत फॉर्म चुनते हैं, तो आपका रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या आपको पेनल्टी भरनी पड़ सकती है। उदाहरण के लिए, जैसे ITR-1 (सहज) उन लोगों के लिए है, जिनकी इनकम 50 लाख रुपये तक है और स्रोत हैं—सैलरी, एक मकान की प्रॉपर्टी, ब्याज, या 5,000 रुपये तक की कृषि इनकम। सही फॉर्म चुनने के लिए अपनी इनकम सोर्स और पैसे की लिमिट को अच्छे से समझना जरूरी है।

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समय पर ITR फाइल करने के फायदे

ITR समय पर फाइल करना न सिर्फ आपको पेनल्टी से बचाता है, बल्कि रिफंड मिलने की प्रक्रिया को भी तेज करता है। जुलाई 31, 2025 तक गैर-ऑडिट टैक्सपेयर्स को अपना रिटर्न फाइल करना होगा। अगर आप ये डेडलाइन मिस कर देते हैं, तो आप 31 दिसंबर, 2025 तक बेलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं, लेकिन इसमें पेनल्टी और ब्याज देना पड़ सकता है। इसलिए जल्दी से अपने डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा करें और रिटर्न फाइल करें।

कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी!

  • डिटेल्स क्रॉस-चेक करें: फॉर्म 26AS और AIS (एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट) में दी गई जानकारी को अपने डॉक्यूमेंट्स से मिलाएं।
  • टैक्स रिजीम चुनें: पुराना या नया टैक्स रिजीम चुनने से पहले अपनी इनकम और छूट का हिसाब लगाएं। पुराना रिजीम ज्यादा छूट देता है, जबकि नया रिजीम कम टैक्स रेट्स देता है।
  • ई-वेरिफिकेशन जरूरी: ITR फाइल करने के बाद आधार OTP, नेट बैंकिंग, या अन्य तरीकों से ई-वेरिफिकेशन करना न भूलें।
  • प्रोफेशनल मदद लें: अगर आपको ITR फॉर्म या टैक्स कैलकुलेशन समझने में दिक्कत हो, तो CA की सलाह लें।

बिना फॉर्म 16 के ITR फाइल करना उतना मुश्किल नहीं है। सही डॉक्यूमेंट्स और थोड़ी सी सावधानी के साथ आप आसानी से अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। बस समय पर काम शुरू करें, ताकि आखिरी समय की भागदौड़ से बचा जा सके।

First Published : May 20, 2025 | 4:31 PM IST