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Financial Planning: नए साल में वहीं पर लगाएं रकम, जिसका जोर रहा इस साल कम

स्मॉल कैप और मिड कैप में आ चुका उफान, इसलिए लार्ज कैप और डेट को दी जा सकती है तवज्जो

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बिंदिशा सारंग   
Last Updated- December 17, 2023 | 8:49 PM IST

वित्तीय सलाहकार निवेशकों को अपने निवेश पर साल में कम से कम एक बार नजर डालने की सलाह जरूर देते हैं और इस साल के लिए दिसंबर से अच्छा वक्त क्या हो सकता है। जनवरी में नया साल दस्तक देने वाला है और उससे पहले अपने निवेश पोर्टफोलियो को खंगालकर आपको अगले साल बेहतरीन रिटर्न के लिए रणनीति तैयार कर लेनी चाहिए।

बैंकबाजार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘नियमित रूप से निवेश का जायजा लेंगे तो आपको जरूरी फेरबदल करने का मौका मिलेगा और आप पोर्टफोलियो को नए सिरे से संतुलित करने, आवंटन में बदलाव करने या नए वित्तीय लक्ष्य तय करने जैसे काम आसानी से कर पाएंगे। अपनी वित्तीय अभिलाषाओं के हिसाब से ज्यादा से ज्यादा रिटर्न हासिल करने के लिए भी यह जरूरी है।’

लक्ष्य कितना करीब

साल खत्म हो रहा है तो देखिए कि आपका निवेश आपको अपने जीवन के लिए तय लक्ष्यों की ओर ले जा रहा है या नहीं। एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के सदस्य जय ठक्कर कहते हैं, ‘देखिए कि आपका निवेश आपको खास लक्ष्यों तक पहुंचा रहा है या नहीं और जरूरत हो तो अपनी रणनीति बदलिए।’

अगर आपको ऐसा लग रहा है कि बाजार के हालात के कारण आपका पोर्टफोलियो तय की गई रकम तक नहीं पहुंचा पाएगा तो आपको और रकम निवेश करनी चाहिए।

इसके बाद अपने लक्ष्यों पर भी नजर डालिए, सृजन फाइनैंशियल एडवाइजर्स की संस्थापक और पार्टनर दीपाली सेन की सलाह है, ‘अपने लक्ष्यों का हर साल जायजा लेने से आपको बेकार हो चुके पुराने लक्ष्य छोड़ने और समय के हिसाब से नए लक्ष्य तय करने का मौका मिल जाता है। इसके लिए आपको निवेश की जा रही राशि और निवेश की अवधि भी बदलनी पड़ सकती है।’

आवंटन हुआ बेपटरी?

साल 2023 में सबसे अच्छा प्रदर्शन शेयरों का रहा और उसके बाद सोना रहा। शेयर या इक्विटी में भी स्मॉल कैप फंड सबसे तेज दौड़े और मिड कैप तथा लार्ज कैप फंड को पछाड़ दिया। बाजार नई ऊंचाई पर पहुंचता है तो कई निवेशक मुनाफे में शेयर बेच डालते हैं ताकि सही समय पर दोबारा खरीद सकें। इसे सही समय भांपने वाला ही कर सकता है और बार-बार ऐसा करना नामुमकिन ही होता है।

विंट वेल्थ के सह संस्थापक और सीईओ अजिंक्य कुलकर्णी कहते हैं, ‘यह भांपना नामुमकिन होता है कि बाजार आगे चढ़ेगा या गिरेगा। इसलिए निवेशकों को अपने शुरुआती संपत्ति आवंटन पर टिके रहना चाहिए और किसी खास संपत्ति श्रेणी में जरूरत से ज्यादा निवेश होने पर ही बदलाव करना चाहिए।’

कर से बचना है तो जिन संपत्ति श्रेणियों ने इस बार बेहतरीन रिटर्न दिया है, उन्हें बेचने की न सोचें। उसके बजाय डेट और लार्ज कैप जैसी उन श्रेणियों में ज्यादा रकम लगाएं, जिनका प्रदर्शन इस साल उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। संपत्ति आवंटन के बारे में फैसला करते समय यह जरूर देखिए कि निवेश कितने समय के लिए करना है।

सेन की सलाह है, ‘दो साल से कम वक्त के लिए रकम लगानी है तो शॉर्ट टर्म डेट फंड चुनिए, दो से सात साल के लिए रकम लगानी है तो मीडियम टर्म डेट फंड, हाइब्रिड फंड या मल्टी-असेट डेट फंड ठीक रहेंगे और सात साल से ज्यादा समय है तो इक्विटी फंड आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।’

संपत्ति आवंटन तय करते समय निवेश की मियाद के साथ यह भी देखिए कि आप कितना जोखिम बर्दाश्त कर सकते हैं। बच्चे की कॉलेज शिक्षा जैसे दूर का लक्ष्य अगर अब करीब आ रहा है तो सतर्क हो जाएं। अगर बच्चे को दो-तीन साल बाद कॉलेज में दाखिला लेना है तो अपनी रकम इक्विटी से हटाकर डेट में लाना शुरू कर दें ताकि शेयर बाजार में होने वाली उठापटक आपकी योजना पटरी से न उतार दे।

जो पिछड़े उसे निकालें

इसके बाद हरेक फंड के प्रदर्शन को आंकना भी जरूरी है। फिनसेफ इंडिया की संस्थापक और निदेशक मृण अग्रवाल कहती हैं, ‘हरेक फंड के प्रदर्शन को बेंचमार्क और श्रेणी के औसत रिटर्न की कसौटी पर कसें। मोटे आंकड़े देखने भर से आपको सही स्थिति का पता नहीं चलेगा।’

प्रदर्शन मापने का आसान तरीका लंबे अरसे (7 से 10 साल) में मिला रिटर्न है। यह बेंचमार्क रिटर्न से कम रहता है तो उस फंड पर लगातार नजर रखें। पांच या छह तिमाही तक सुस्ती रहे तो उस फंड से निकल जाएं। साथ ही अपने फंड में जोखिम के बाद मिलने वाले रिटर्न और उतार-चढ़ाव भी देखते रहें।

यह भी देखिए कि अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आपको किसी खास संपत्ति श्रेणी या योजना में अधिक रकम लगाने की जरूरत तो नहीं है। कुलकर्णी का सुझाव है, ‘निवेश योजना में कोई बुनियादी दिक्कत नहीं हो तो हर साल उसे बदलते रहना सही नहीं है। उसके बजाय योजना में निवेश की रकम घटाने-बढ़ाने पर ध्यान दीजिए।’

जीवन के पड़ाव और निवेश

वित्तीय योजना जीवन के पड़ावों और घटनाओं के हिसाब से बदल सकती है। मसलन संतान होने पर मां-बाप को उसकी कॉलेज शिक्षा के लिए निवेश शुरू कर देना चाहिए। कई बार लोगों को एकाएक बहुत रकम मिल जाती है। अग्रवाल की सलाह है कि ऐसी रकम को मौजूदा निवेश योजनाओं में ही लगा देना चाहिए।

कभी-कभी एक मकसद से बचाई जा रही रकम किसी दूसरे मकसद में लगानी पड़ जाती है। उस सूरत में पहले मकसद के लिए और भी ज्यादा रकम निकालना शुरू कर दीजिए। सेन की आखिरी सलाह खर्चों पर नजर रखने की है ताकि आपका बजट न बिगड़ जाए।

First Published : December 17, 2023 | 8:40 PM IST