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कैबिनेट सचिव ने UPS को बताया दूरदर्शी कदम, कहा- सरकारों पर पेंशन का बोझ नहीं, OPS से अलग है ये स्कीम

सोमनाथन का कहना है, ‘जो स्वैच्छिक तौर पर सेवानिवृत हो रहे हैं उन्हें भी इस योजना में कवर किया जाएगा। इस 18.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी में भी इस बात का ध्यान रखा गया है।’

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श्रीमी चौधरी   
Last Updated- August 25, 2024 | 10:31 PM IST

कैबिनेट सचिव (नामित) टी वी सोमनाथन का कहना है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को जिस एकीकृत पेंशन प्रणाली (यूपीएस) को मंजूरी दी है वह राजकोषीय संदर्भ में दूरदर्शी कदम है, क्योंकि इसकी फंडिंग केंद्र के राजकोषीय अनुमान के दायरे में ही की जाएगी।

मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद वित्त सचिव रह चुके सोमनाथन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि यूपीएस के चलते पेंशन खर्च मुल्तवी नहीं होगी क्योंकि यह योगदान के आधार पर होगा और इस मद में हर वर्ष फंड दिया जाएगा।

सोमनाथन ने नैशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की समीक्षा करने के लिए मार्च 2023 में गठित समिति की अध्यक्षता की थी। उन्होंने कहा, ‘यह वित्तीय लिहाज से विवेकपूर्ण कदम है क्योंकि हमें अपने बजटीय राजकोषीय घाटे के दायरे में ही हर साल केंद्रीय बजट में शामिल करना होगा।’

सोमनाथन ने कहा कि यह बात महत्वपूर्ण है कि भविष्य में आने वाली किसी भी सरकार पर कोई बोझ नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘भविष्य में किसी भी सरकार के लिए यह बोझ नहीं होगा। इसमें हम देनदारियों का भुगतान करेंगे जो अनुमानित तौर पर फिलहाल 18.5 प्रतिशत है।’

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा शनिवार देर शाम जारी प्रेस विज्ञप्ति में इस बारे में और ब्योरा दिया गया है। विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘कर्मचारियों को लाभ देने के साथ ही इससे आम नागरिकों के कल्याण की भी सुरक्षा होगी क्योंकि यह योजना पूर्ण फंडिंग वाली है और इसलिए नागरिकों की भावी पीढ़ी को किसी भी तरह की वित्तीय कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।’

सोमनाथन ने कहा कि इन्हीं विशेषताओं के चलते नई प्रणाली, पुरानी पेंशन योजना (OPS) से अलग है। उन्होंने कहा, ‘हम ‘सेवानिवृत्ति के साथ ही भुगतान’ वाली प्रक्रिया नहीं अपना रहे हैं जैसा कि ओपीएस में हुआ करता था।’

एकीकृत प्रणाली के तहत कर्मचारियों के योगदान में कोई बदलाव नहीं होगा और 10 प्रतिशत मूल वेतन के साथ महंगाई भत्ता (डीए) बना रहेगा। सरकार का योगदान मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा।

सोमनाथन ने कहा, ‘इस 18.5 प्रतिशत के चलते पहले वर्ष में केंद्र की लागत 6,250 करोड़ रुपये होगी और बकाया के तौर पर 800 करोड़ रुपये एकमुश्त खर्च होगा।’ यूपीएस के तहत बकाया राशि का भुगतान सेवानिवृत होने वाले को उनके द्वारा निकाली गई रकम के समायोजन के बाद किया जाएगा। पिछली तारीख से 50 प्रतिशत आश्वासित लाभ बकाया राशि के साथ मिलेगा।

2004 से जुड़े सभी कर्मचारी एनपीएस को जारी रख सकते हैं। इसमें वे लोग भी शामिल होंगे जो सेवानिवृत हो गए हैं। हालांकि उनके पास यह विकल्प होगा कि वे यूपीएस को अपना सकते हैं और सोमनाथन के मुताबिक इसका फायदा ज्यादातर लोगों को होगा।

उन्होंने कहा, ‘वे लोग जो एनपीएस लागू होने के बाद सेवानिवृत हुए हैं वे यूपीएस को अपना सकते हैं। सभी मौजूदा ग्राहक इसे अपना सकते हैं और यहां तक कि सेवानिवृत कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सकता है। इसके अलावा उन सभी लोगों को बकाया राशि दी जाएगी जो अब तक रिटायर हुए हैं और जो 31 मार्च 2025 तक रिटायर होंगे उनके लिए भी यह राशि होगी।’

सोमनाथन का कहना है, ‘जो स्वैच्छिक तौर पर सेवानिवृत हो रहे हैं उन्हें भी इस योजना में कवर किया जाएगा। इस 18.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी में भी इस बात का ध्यान रखा गया है।’

पूर्ण पेंशन न्यूनतम 25 वर्ष तक सेवाएं देने के बाद उपलब्ध होगी। जिन लोगों ने 25 वर्ष से कम सेवाएं दी हैं जैसे कि कम से कम 10 वर्ष की सेवाएं दी हैं उन्हें यथानुपात निश्चित पेंशन दी जाएगी।

इस योजना को राज्य सरकारें भी अपना सकती हैं। इससे 90 लाख से अधिक कर्मचारियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। सोमनाथन का कहना है, ‘अगर राज्य इसे अपनाते हैं तो उन्हें इसका बोझ उठाना होगा।’

First Published : August 25, 2024 | 10:31 PM IST