डीएसपी म्युचुअल फंड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रमुख (फिक्स्ड इनकम) संदीप यादव का कहना है कि चूंकि प्रतिफल में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के आसार नहीं है, इसलिए लंबी अवधि वाले बॉन्ड खरीदने और ब्याज दरों में कटौती का इंतजार करने में ही समझदारी है।
एक बातचीत में यादव ने अभिषेक कुमार को बताया कि डेट म्युचुअल फंडों से इंडेक्सेशन लाभों को हटाए जाने के बाद निवेशक अपने कर व्यय को किस तरह कम कर सकते हैं। संपादित अंश :
क्या आप कर बदलावों के बाद अन्य निश्चित आय विकल्पों की तुलना में बेहतर स्थिति कायम रखने के लिए फंड के प्रदर्शन में सुधार देख रहे हैं?
अतिरिक्त प्रतिफल पाने के लिए फंड हाउसों की तरफ से हम अधिक सक्रिय प्रबंधन देखेंगे। हालांकि इस बात की संभावना नहीं है कि फंड प्रबंधक अचानक बड़ा जोखिम उठाएंगे। डेट फंडों ने अतीत में उचित प्रतिफल दिया है और मुझे नहीं लगता कि उद्योग को अचानक बड़े बदलाव करने की जरूरत है।
क्या आप ज्यादा क्रेडिट जोखिम पर विचार करेंगे?
हम जिस क्रेडिट जोखिम को मंजूरी देते हैं, वह प्रतिफल बढ़ाने के बजाय अंतर्निहित कंपनियों के संबंध में हमारी सहजता से संचालित होता है। हम अपनी क्रेडिट सीमाओं का अनुशासन बनाए रखने का इरादा रखते हैं। हालांकि फंड हाउस की इस क्रेडिट सीमा के भीतर हमारा प्रत्येक डेट फंड अधिक संकरी क्रेडिट सीमा तय कर सकता है। यह निवेशक प्रोफाइल द्वारा संचालित होता है। अगर हम यह पाते हैं कि किसी विशिष्ट फंड में हमारे कई निवेशक व्यापक क्रेडिट सीमा के साथ सहज हैं, तो हम उस फंड के लिए सीमा में ढील देने पर विचार कर सकते हैं।
ऋण आवंटन रणनीतियों के लिहाज से निवेशकों को आपकी क्या सलाह होगी?
निवेशक ऐसे हाइब्रिड परिसंपत्ति आवंटन फंडों पर विचार कर सकते हैं, जिनका इक्विटी में 35 फीसदी से ज्यादा हिस्सा हो। ज्यादातर निवेशकों के पास डेट और इक्विटी पोर्टफोलियो का मिश्रण होता है। ये निवेशक ऐसे फंडों में अलग से निवेश करने के बजाय अब ऐसे हाइब्रिड फंडों पर विचार कर सकते हैं, जो स्वाभाविक रूप से कर व्यय के लिए सर्वाधिक अनुकूल होते हैं। उन लोगों के लिए जो विशुद्ध रूप से डेट में निवेश करते हैं, म्युचुअल फंड ज्यादातर अन्य विकल्पों की तुलना में बेहतर कर दक्षता उपलब्ध कराते रहेंगे, हालांकि यह पहले की तुलना में बहुत कम प्रभावी होगा।
आपके डेट पोर्टफोलिया की फिलहाल कैसी स्थिति है? क्या आप ब्याज दरों में ठहराव की उम्मीद कर रहे हैं?
हमने अवधि जोखिम जोड़ा है तथा अधिक लंबी परिपक्वता वाले पत्रों में निवेश किया है। हालांकि ऐसा लगता है कि साल के अंत में दरों में कटौती हो सकती है, फिर भी यह निश्चित नहीं है। बल्कि, हम जिस बात से अधिक आश्वस्त हैं, वह यह है कि प्रतिफल में इजाफे की संभावना कम है। ऐसे माहौल में हमारा मानना है कि बॉन्ड खरीदने तथा प्रतिफल में गिरावट का इंतजार करने में ज्यादा समझदारी है।
डेट फंडों पर अलग-अलग राय है। आपका क्या राय है?
मेरा मानना है कि कर्व का छोटा सिरा शायद आदर्श बिंदु नहीं हो। तो, सर्वाधिक अनुकूल अवधि क्या है? आज प्रतिफल का कर्व बहुत सपाट है। इसका मतलब है कि पांच साल और 40 साल वाले बॉन्ड के बीच प्रतिफल में बहुत अंतर नहीं है। अगर सुधार होता है, तो यह कर्व और गहरा होगा। बीमा नियमों और सरकार के बाजार उधारी कैलेंडर में बदलाव लंबी अवधि के प्रतिफल पर अधिक दबाव डाल सकते हैं।
एमएफ उद्योग ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि डेट फंडों में कम प्रवाह का बॉन्ड बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, खासकर तरलता पक्ष पर। क्या इसका असर डेट फंडों पर पड़ेगा?
आम तौर पर एमएफ का पांच साल से कम वाले कॉरपोरेट बॉन्ड में बड़ा हिस्सा रहता है। जब तक गैर-एमएफ भागीदारों को कॉरपोरेट बॉन्ड खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने वाले नियमन में अधिक परिवर्तन नहीं होते, तब तक बॉन्ड मार्केट को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।
आप निवेशकों को क्या सलाह देंगे : एक्टिव की या पैसिव डेट फंड की?
मैं एक्टिव फंडों को प्राथमिकता दूंगा क्योंकि वे बुरे दौर में सुरक्षा प्रदान करते हैं। डेट निवेशकों के लिए प्राथमिक उद्देश्य पूंजी संरक्षण होना चाहिए।