जून तिमाही के नतीजों और प्रबंधन की टिप्पणी के बाद स्पेशियल्टी केमिकल निर्माता आरती इंडस्ट्रीज का शेयर मंगलवार के कारोबार में 15.5 प्रतिशत से ज्यादा गिर गया था। बुधवार को भी यह शेयर बीएसई पर 3.5 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ 599 रुपये के आसपास बंद हुआ।
हालांकि वित्तीय परिणाम बाजार के अनुमानों के अनुरूप थे लेकिन कई अनिश्चितताओं की वजह से मार्जिन अनुमान के अभाव की वजह से निवेशकों ने सतर्कता बरतने पर जोर दिया है। इस कारण वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 के आय अनुमान में कटौती को भी बढ़ावा मिला है। कीमतों में गिरावट से पहले यह शेयर पिछले साल के दौरान शानदार प्रदर्शन करने में सफल रहा था और उसने 61 प्रतिशत की तेजी दर्ज की थी जबकि इस अवधि में बीएसई-500 में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में कंपनी का परिचालन मुनाफा मार्जिन पिछली 6 तिमाहियों में सबसे अधिक रहा, लेकिन कंपनी ने मुनाफा/मार्जिन पर आउटलुक जारी करने से परहेज किया है। परिचालन लाभ के लिए पिछला अनुमान 1,450 करोड़ रुपये से 1,700 करोड़ रुपये तक का था। प्रबंधन के सतर्क दृष्टिकोण अपनाने की वजह आक्रामक चीनी निर्यात और डम्पिंग (आरती के उत्पादों का 70-80 प्रतिशत) रही, जिससे कीमतों में सुधार की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रभाव कब तक रहेगा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज का कहना है कि कंपनी का करीब 40 प्रतिशत राजस्व ऊर्जा क्षेत्र से प्राप्त होता है, जिसमें मार्जिन का उतार-चढ़ाव ज्यादा है और दीर्घावधि वृद्धि की संभावना विद्युतीकरण से जुड़े वैश्विक रुझान से प्रभावित हो सकती है।
ब्रोकरेज के अभिजित अकेला और सुमित कुमार ने भी अनिश्चित मांग परिवेश (वैश्विक तौर पर बढ़ती आर्थिक कमजोरी), चीन से प्रतिस्पर्धा, नियोजित पूंजी पर कम प्रतिफल के बीच सीमित संभावनाओं को देखते हुए इस शेयर पर ‘बिकवाली’ की रेटिंग दी है।
हालांकि मूल्य निर्धारण से जुड़े दबाव और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याएं सामने आईं लेकिन जून तिमाही में राजस्व मजबूत बना रहा और यह एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 31.2 प्रतिशत बढ़ा क्योंकि इसे प्रमुख उत्पादों में बिक्री-केंद्रित सुधार से मदद मिली। घरेलू बिक्री मजबूत बने रहने से कुछ निर्यात संबंधित उत्पादों में सुधार देखा गया।
सकल मार्जिन पर दबाव पड़ा और तिमाही आधार पर यह 190 आधार अंक तक घटकर 37.7 प्रतिशत रह गया। चीनी उत्पादकों की डम्पिंग और कम कीमतों से इस गिरावट को बढ़ावा मिला जबकि एक साल पहले की तिमाही में सकल मार्जिन 39.7 प्रतिशत और मार्च तिमाही में 39.6 प्रतिशत रहा। बेंजीन और एनिलाइन जैसे प्रमुख कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि से भी सकल स्तर पर मुनाफा प्रभावित हुआ।
आनंद राठी रिसर्च ने विभिन्न चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपना परिचालन मुनाफा अनुमान घटा दिया है और इस शेयर पर होल्ड रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज की भावना इसरानी और भविन सोनी ने मार्जिन सुधार, पूंजीगत खर्च और वैश्विक एग्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज में समय पर सुधार को अल्पावधि में मुख्य सकारात्मक कारक के तौर पर बताया है।