नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) सेगमेंट में 45 नए शेयर शामिल करने की घोषणा की है। यह बदलाव 29 नवंबर से लागू होगा। डेरिवेटिव सेगमेंट में नई कंपनियों के शामिल होने (जनवरी 2022 से पहली बार) से कई लोकप्रिय सूचकांकों में बड़ी कतर-ब्यौंत देखने को मिल सकता है, जिनमें निफ्टी-50 और सेंसेक्स भी शामिल हैं।
इन 45 शेयरों की सूची में बाजार पूंजीकरण के लिहाज से सबसे बड़ी कंपनियां हैं- भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डीमार्ट), अदाणी ग्रीन एनर्जी, जोमैटो और जियो फाइनैंशियल सर्विसेज। आकार के मानदंड को पूरा करने के बावजूद कुछ शेयर डेरिवेटिव में शामिल होने की गुंजाश नहीं होने से निफ्टी और सेंसेक्स का हिस्सा नहीं हैं।
पेरिस्कोप एनालिटिक्स विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास के अनुसार जब तक समीक्षा समिति नए जोड़े गए एफऐंडओ शेयरों पर विचार नहीं करती, सेंसेक्स में दिसंबर की रीबैलेंसिंग घोषणा में बदलाव की संभावना नहीं है। सेंसेक्स की अगली रीबैलेंसिंग घोषणा दिसंबर के मध्य में होनी है। हालांकि समीक्षा अवधि 31 अक्टूबर को समाप्त हो गई है।
फ्रीटास ने कहा, ‘यदि 45 शेयरों को इंडेक्स में शामिल किया जाता है तो जोमैटो दिसंबर में सेंसेक्स में जेएसडब्ल्यू स्टील की जगह ले सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर जोमैटो को दिसंबर में इस सूचकांक में नहीं शामिल किया गया तो जून तक शामिल होना तय लग रहा है। जून में ट्रेंट भी सूचकांक में शामिल होने का तगड़ा दावेदार है।’ इस बीच, निफ्टी की अगली रीबैलेंसिंग मार्च 2025 में होनी है और इसकी समीक्षा अवधि 1 अगस्त से 31 जनवरी के बीच है।
फ्रीटास ने कहा, ‘एफऐंडओ सेगमेंट में नए शेयर शामिल होने से जोमैटो और जियो फाइनैंशियल सर्विसेज को सूचकांक में जगह मिलने की संभावना है। इससे भारत पेट्रोलियम कॉर्प और आयशर मोटर्स को सूचकांक से हटाया जा सकता है।’ निफ्टी में फेरबदल से जोमैटो में 6,610 करोड़ रुपये और जियो फाइनैंशियल में 4,151 करोड़ रुपये की खरीदारी की उम्मीद है।
बीपीसीएल और आयशर में 2,538 करोड़ रुपये और 2,672 करोड़ रुपये की निकासी देखी जा सकती है। एफऐंडओ शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहने की संभावना रहती है। आईआईएफएल अल्टरनेटिव रिसर्च के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन ने कहा, ‘हमने वर्ष 2015 से पिछले एफऐंडओ फेरबदल से जुड़े शेयर प्रदर्शन का विश्लेषण किया है। इसके नतीजों से पता चला है कि ऐसे 70 प्रतिशत शेयरों ने शामिल करने की तारीख की घोषणा के बाद से अच्छा रिटर्न दिया है।’
एफऐंडओ सेगमेंट में नए शेयरों को ऐसे समय शामिल किया जा रहा है जब बाजार नियामक सेबी ने इस सेगमेंट में शेयर जोड़ने के सख्त नियमों में बदलाव किया है। नई व्यवस्था का उद्देश्य डेरिवेटिव खंड में अधिक तरल और गुणवत्ता वाले नामों को आकर्षित करना है। सेबी ने नकदी बाजार में बाजार केंद्रित पोजीशन लिमिट, मीडियन क्वार्टर सिग्मा ऑर्डर आकार और औसत दैनिक डिलिवरी मूल्य (एडीडीवी) के लिए निर्धारित सीमाएं बढ़ा दी हैं। एफऐंडओ सेगमेंट के शेयरों में बदलाव ऐसे वक्त हो रहा है जब सेबी ने डेरिवेटिव सेगमेंट में खुदरा निवेशकों के बढ़ते नुकसान को लेकर चिंता जताई है।