Biggest Stock Market Scam: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज लोकसभा चुनाव के नतीजे के दिन धराशाई हुई शेयर बाजार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आज 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों की घोषणा से पहले कथित तौर पर शेयर बाजार से संबंधित निवेश को लकेर सलाह देने के लिए भाजपा नेताओं पर तीखा हमला किया और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराने की मांग की।
राहुल गांधी ने सवाल किया कि PM मोदी, अमित शाह और निर्मला सीतारमण ने शेयर बाजार को लेकर बयान क्यों दिए। उन्होंने कहा, ‘पहली बार हमने देखा कि चुनाव के दौरान प्रधान मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने शेयर बाजार पर टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि शेयर बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 4 जून को शेयर बाजार में तेजी रहेगी और आप सभी को निवेश करना चाहिए और ऐसा ही कुछ वित्त मंत्री ने भी कहा है। अमित शाह ने कहा कि 4 जून से पहले शेयर खरीदें। 19 मई को PM मोदी ने कहा कि 4 जून को शेयर बाजार रिकॉर्ड तोड़ देगा।’
लोकसभा चुनाव 2024 में INDIA गठबंधन के लिए अहम भूमिका अदा करने वाले राहुल गांधी ने पूछा, ‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले 5 करोड़ परिवारों को इनवेस्टमेंट करने से जुड़ी सलाह क्यों दी? क्या इनवेस्टमेंट के लिए सलाह देना उनका काम है? दोनों इंटरव्यू एक ही बिजनेस ग्रुप के स्वामित्व वाले एक ही मीडिया हाउस को क्यों दिए गए? जो शेयर बाजारों में हेरफेर के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की जांच के तहत भी है? भाजपा और गलत एग्जिट पोल कराने वालों और विदेशी निवेशकों के बीच क्या संबंध हैं?
उन्होंने कहा, ‘हम इसकी JPC जांच की मांग करते हैं और हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि यह एक घोटाला है।’ उन्होंने कहा कि किसी ने खुदरा निवेशकों (retail investors) की चपत लगाकर हजारों करोड़ रुपये कमाए हैं।’
4 जून को लोकसभा चुनाव के लिए हो रही मतगणना के दिन भारत के शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, जिससे बाजार मूल्य (market value) में 386 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। माना जा रहा है कि चुनावी आंकड़ों से निवेशकों को इस बात संकेत मिला कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सत्तारूढ़ पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है।
ऐसे में जमकर शेयरों की बिकवाली हुई। ऐसा होना शेयर बाजार के लिए काफी आश्चर्य से भरा था, क्योंकि चुनाव नतीजे से पहले आने वाले एग्जिट पोल्स में भाजपा भारी बहुमत के साथ जीत रही थी और NDA की सरकार फिर से बनने का अनुमान जताया जा रहा था।
उस दिन एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स (NSE Nifty 50 Index) 5.9 फीसदी गिर गया, जो चार सालों में इसका सबसे खराब प्रदर्शन था। भारतीय रुपये और बॉन्ड में कमजोरी आई। डॉलर के मुकाबले रुपया (dollar vs Rupee) 83.53 पर बंद हुआ था। रुपये ने 6 फरवरी 2023 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की थी जबकि, उससे पिछले कारोबारी दिन यानी 3 जून को यह भाव 83.14 था।
विश्लेषकों का मानना है कि उस दिन लोक सभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बहुमत के आंकड़े से पीछे रहने के संकेत से शेयर बाजार धराशायी हो गए थे। गठबंधन (NDA) में बनने वाली नई सरकार की चिंता और इससे राजनीतिक स्थिरता पर असर पड़ने की आशंका से निफ्टी-50 5.93 फीसदी या 1,379.40 की बड़ी गिरावट के साथ 21,884.50 के लेवल पर बंद हुआ था। बाजार के औंधे मुंह गिरने से निवेशकों को 31 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी थी।
हालांकि, अगले दिन शेयर बाजार में फिर से उछाल आई और सेंसेक्स 3.20 फीसदी की बढ़त के साथ 74,382.24 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि, Nifty-50 में भी 3.36% का उछाल देखने को मिला और यह 735.85 अंकों की बढ़त बनाते हुए 22,620.35 पर बंद हुआ था।