लोक सभा चुनाव और बजट के बाद अब बाजार की चाल कंपनियों की आय, मॉनसून के प्रदर्शन, ब्याज दरों और आगामी राज्य विधान सभा चुनावों और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव पर निर्भर करेगी। इन्वेस्को म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी ताहिर बादशाह ने अभिषेक कुमार के साथ बातचीत में ऐसा कहा। मुख्य अंशः
बजट के जरिये सरकार ने फिर से बता दिया है कि वह निवेश का समर्थन करती रहेगी। सरकार ने पूंजीगत व्यय 17 प्रतिशत बढ़ा दिया है। यह बाजार की उम्मीदों के अनुरूप है। सरकार ने इस बार लोकलुभावन के बजाय नए रास्ते से खपत बढ़ाने की भी कोशिश की है।
एक और अहम पहलू कर दरें तर्कसंगत बनाना और कर संहिता की व्यापक समीक्षा की योजना है। पूंजीगत लाभ पर कर में बढ़ोतरी शेयर बाजार के लिए चोट जरूर है, मगर बाजार अगले कुछ सालों में व्यापक स्तर पर 15 से 17 फीसदी के बीच रिटर्न दे सकता है जिससे निवेशकों को चिंतित नहीं होना चाहिए।
मध्य से लंबी अवधि के दरम्यान भारत को लेकर नजरिया सकारात्मक है, मगर आय की स्थिति कैसी रहती है, इस कारण निकट अवधि में कुछ झटके लग सकते हैं। चालू वित्त वर्ष में बाजार की अनुमानित वृद्धि दर 15 प्रतिशत है जो पिछले दो वर्षों में दर्ज 20-25 प्रतिशत की तुलना में भले ही कम है फिर भी यह अच्छा आंकड़ा है।
जिंसों की कीमतों में उतार-चढ़ाव बाजार के लिए प्रमुख जोखिम हो सकता है। बाजार को इस साल मॉनसून के समूचे प्रदर्शन का भी इंतजार रहेगा। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव और भारत में राज्यों के विधान सभा चुनावों के साथ-साथ ब्याज दरों पर भी नजरें रहेंगी।
बजट के बाद कुछ हद तक रियल एस्टेट को छोड़कर अन्य क्षेत्रों को लेकर हमारा नजरिया नहीं बदला है। रियल एस्टेट क्षेत्र में हमारा ठीक-ठाक निवेश है मगर इसमें और रकम लगाने से हम अभी दूर रहेंगे। हमें आईटी, फार्मा और कुछ हद तक जिंसों में नए अवसर नजर आ रहे हैं।
विनिर्माण क्षेत्र में पिछले ढाई साल में तेजी जरूर रही है मगर अभी भी यह शुरुआती दौर में ही है। अगर सही दांव लगाया जाए तो इस क्षेत्र में अगले 10 वर्षों तक इसकी तेजी का लाभ उठाया जा सकता है। कीमतें ऊंची हैं। इसे वृद्धिपरक अवसर के रुप में देखना चाहिए।