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Swiggy ने लिस्टिंग के साथ ही 1 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप क्लब में बनाई जगह; शेयर इश्यू प्राइस से 17% ऊपर

JM फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने स्विगी पर कवरेज शुरू करते हुए इसे 'खरीदें' रेटिंग दी है।

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दीपक कोरगांवकर   
Last Updated- November 13, 2024 | 7:10 PM IST

फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy ने बुधवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर अपने शेयर का भाव 448 रुपये तक पहुंचने के बाद 1 ट्रिलियन रुपये (1 लाख करोड़ रुपये) से अधिक के मार्केट कैप वाली कंपनियों के एलीट क्लब में जगह बना ली।

सुबह 11:15 बजे तक स्विगी का मार्केट कैप 1,00,148 करोड़ रुपये था। एनएसई पर स्विगी के शेयर 6.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ 447.40 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जो इसकी लिस्टिंग प्राइस से ज्यादा है। शेयर अपने इश्यू प्राइस 390 रुपये के मुकाबले 16.92 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ । एनएसई पर स्विगी का शेयर 420 रुपये पर लिस्ट हुआ था, जो इश्यू प्राइस से 7.6 प्रतिशत का प्रीमियम था। एनएसई और बीएसई पर कुल मिलाकर 7.13 करोड़ शेयरों का कारोबार हुआ।

JM फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने स्विगी पर कवरेज शुरू करते हुए इसे ‘खरीदें’ रेटिंग दी है और मार्च 2026 के लिए प्रति शेयर 470 रुपये का टार्गेट प्राइस निर्धारित किया है। स्विगी ने भारत के हाइपर लोकल ऑन-डिमांड मार्केट के तेजी से विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ब्रोकरेज फर्म का कहना है, 2014 में इसने फुल-स्टैक फूड डिलीवरी मॉडल की शुरुआत की और महामारी के दौरान डार्क स्टोर-आधारित क्विक कॉमर्स (QC) मॉडल भी पेश किया। आज भी यह देश के प्रमुख हाइपर लोकल डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जहां ज़ोमैटो इसका एकमात्र मुख्य प्रतिद्वंद्वी है। हालांकि, स्विगी ने कुछ बाजार हिस्सेदारी खोई है, लेकिन यह तेजी से बढ़ने वाले कंजम्पशन सेक्टर में बना हुआ है और इसके पास मुनाफा बढ़ाने के कई विकल्प मौजूद हैं।

स्विगी की हाल की समस्याएं अब खत्म हो सकती हैं। इसका एक कारण आईपीओ का दबाव और रिटेल बिजनेस का कम अनुभव था। QC में अचानक नेतृत्व बदलाव से भी ये समस्याएं बढ़ीं। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि सफल आईपीओ और इंस्टामार्ट में नए नेतृत्व से स्विगी के लिए सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

JM फाइनेंशियल ने स्विगी का मूल्यांकन SOTP (सम ऑफ द पार्ट्स) पद्धति से किया, जिसमें इसके प्रत्येक सेगमेंट का मूल्यांकन EBITDA, GOV या सेल्स के आधार पर किया गया है। स्विगी के इन सेगमेंट्स की वैल्यूएशन के लिए इस्तेमाल किए गए मल्टीपल्स ज़ोमैटो की तुलना में 10-50 प्रतिशत कम हैं, जो स्केल और मुनाफे के अंतर को दर्शाते हैं।

Prosus के इंडिया और एशिया में ग्रोथ इन्वेस्टमेंट्स के प्रमुख, अशुतोष शर्मा ने स्विगी की IPO सफलता को ‘डिजिटल इंडिया’ की नई सफलता बताया है। उन्होंने कहा, “हमने स्विगी में शुरुआत से ही निवेश कर टीम का समर्थन किया है। टीम ने नई सीमाओं को पार करते हुए नए क्षेत्रों में कदम रखा और लाखों भारतीय ग्राहकों को बेहतर सेवा दी। हमें भरोसा है कि स्विगी अपनी मजबूत नींव और ग्राहक प्रेम के आधार पर फूड और डिलीवरी सेक्टर में और भी नए बदलाव लाएगा।”

Prosus ने स्विगी, अर्बन कंपनी, मीशो और कई अन्य शुरुआती स्टार्टअप्स में $8 बिलियन से ज्यादा का निवेश किया है।

First Published : November 13, 2024 | 6:45 PM IST