जब लग रहा था कि बाजार में तेजी का दौर थम सकता है तभी निवेशक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शेयरों की तरफ मुड़ गए और उन पर जमकर दांव लगाया। इन शेयरों में तेजी के कारण शेयर सूचकांक उछलकर आज नए रिकॉर्ड तक चढ़ गए। सेंसेक्स 847 अंक या 1.2 फीसदी चढ़कर 72,569 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 247 अंक या 1.1 फीसदी तेजी के साथ 21,895 पर बंद हुआ।
दोनों सूचकांकों की लंबी छलांग रिकॉर्ड बना गई। इस हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी 0.8 फीसदी चढ़े हैं, जबकि पिछले हफ्ते ये नुकसान पर बंद हुए थे। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस के तिमाही नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं, जिससे मांग कमजोर रहने की चिंता भी दूर हो गई है। इसी वजह से बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का आईटी सूचकांक 5.1 फीसदी चढ़ा। 30 अप्रैल, 2020 के बाद यह पहली बार एक दिन में इतना चढ़ा है।
सेंसेक्स शेयरों में सबसे ज्यादा 7.8 फीसदी की तेजी इन्फोसिस में देखी गई और सेंसेक्स की बढ़त में इसने 366 अंक का योगदान दिया। टीसीएस 3.9 फीसदी चढ़कर बंद हुआ और सेंसेक्स की तेजी में उसने 131 अंक का योगदान दिया। टीसीएस में 19 जनवरी, 2022 के बाद और इन्फोसिस में 9 फरवरी, 2023 के बाद एक दिन में इतनी तेजी आई है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘बाजार को जितने खराब नतीजों का अंदेशा था, आईटी क्षेत्र का प्रदर्शन उतना खराब नहीं रहा। अगले कुछ दिनों में स्पष्ट हो जाएगा कि निवेशक मध्यम अवधि के लिहाज से इन शेयरों के बारे में क्या सोचते हैं। खराब नतीजों की आशंका में पहले ये शेयर बेच दिए गए होंगे और नतीजे आने के बाद लिवाली की बाढ़ आने से शेयर चढ़ गए हैं।’
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा कि आईटी दिग्गजों की आय रुपये के मद में कम हुई। मगर रुपये में नरमी आने से आईटी कंपनियां वृद्धि कर रही हैं। उन्होंने कहा कि शेयरों में तेजी की वजह शॉर्ट कवरिंग हो सकती है और अगले हफ्ते बाजार में गिरावट आ सकती है।
अधिकतर एशियाई बाजार लुढ़के मगर आईटी शेयरों में तेजी की बदौलत भारतीय बाजार चढ़ गया। चीन के निर्यात में कमी, भू-राजनीतिक तनाव और फेड द्वारा दर कटौती पर अनिश्चितता ने निवेशकों के हौसले पर असर डाला। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 32 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की और देसी संस्थाओं ने 2,911 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 2.8 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 373 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।
अमेरिका और ब्रिटेन ने लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर हमले रोकने के लिए आज हूती पर हवाई आक्रमण किया। हूती विद्रोहियों ने इसका जवाब देने की बात कही। इस बीच ब्रेंट क्रूड 2.1 फीसदी बढ़कर 81 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
इस हफ्ते अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े उम्मीद से ज्यादा रहे हैं, जिसके बाद निवेशकों को चिंता है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व दरें घटाएगा या नहीं। 10 साल में परिपक्व होने वाले अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड 0.7 फीसदी बढ़ने के बाद 3.8 फीसदी हो गई थी।