वैश्विक बाजारों में नरमाहट के बीच भारतीय इक्विटी में पिछले दो दिन से हो रही बढ़ोतरी पर सोमवार को विराम लग गया क्योंकि 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल एक बार फिर 4 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया। वित्तीय व उपभोक्ता शेयरों में गिरावट और नतीजों के सीजन (जो इस हफ्ते शुरू हो रहा है) से पहले घबराहट का भी मनोबल पर असर पड़ा। सेंसेक्स 671 अंक टूटकर 71,355 पर बंद हुआ और निफ्टी ने 198 अंकों की गिरावट के साथ 21,513 पर कारोबार की समाप्ति की।
एचडीएफसी बैंक 1.1 फीसदी टूटा, आईसीआईसीआई बैंक में 1.2 फीसदी की गिरावट आई और आईटीसी 1.8 फीसदी नरम हुआ। सेंसेक्स की गिरावट में इनका योगदान सबसे ज्यादा रहा। बीएसई एफएमसीजी इंडेक्स 1.5 फीसदी टूटा क्योंकि दिसंबर तिमाही के लिए कंपनियों के कारोबारी प्रदर्शन पर अपडेट से पता चलता है कि निजी उपभोग सुस्त बना हुआ है। मैरिको में 4 फीसदी की गिरावट आई। कंपनी ने एक्सचेंज को बताया कि देसी वॉल्यूम सालाना आधार पर एक अंक (निचला स्तर) में बढ़ा है और ग्रामीण बाजार भी अच्छा नहीं रहा।
विश्लेषकों ने कहा कि इक्विटी बाजारों ने साल 2023 में दो अंकों में बढ़त के बाद कमजोरी दिखाई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कटौती का परिदृश्य धुंधला हो रहा है क्योंकि रोजगार का बाजार सख्त बना हुआ है। अमेरिका में नौकरियों के मजबूत आंकड़ों से अमेरिका में बॉन्ड में तेजी आई। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल बढ़ा और सोमवार को इसकी ट्रेडिंग 4.06 फीसदी पर हुई।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि पिछले शुक्रवार को उम्मीद से बेहतर अमेरिकी रोजगार के आंकड़ों से चिंता पैदा हुई कि फेडरल रिजर्व शायद ब्याज कटौती में देर कर सकता है। इससे डॉलर इंडेक्स के साथ 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल बढ़ गया। ऐसे में कुल मिलाकर बाजार में मनोबल अभी सुस्त है और अगले कुछ दिनों में और एकीकरण हो सकता है। अमेरिका, चीन और भारत के महंगाई के आंकड़े इस हफ्ते आने हैं जो काफी अहम होंगे।
पिछले साल इक्विटी बाजार फेडरल रिजर्व की मार्च में संभावित ब्याज कटौती, आर्थिक व कंपनियों की आय के बेहतर आंकड़े और मई 2024 में आम चुनाव के बाद नीतिगत निरंतरता की उम्मीद में उछला था। उधर, तकनीकी शेयरों की बिकवाली और निवेशकों के बीच आर्थिक सुधारों को लेकर चिंता के बीच हैंगसेंग 2.02 फीसदी टूटा। दिसंबर तिमाही के आय के आंकड़े और भारत व विश्व के अहम आर्थिक आंकड़े बाजार की आगे की चाल तय करेंगे।