बाजार

स्टॉक एक्सचेंज और अन्य संस्थान आठ मापदंडों पर स्वतंत्र मूल्यांकन द्वारा परखे जाएंगे

आठ व्यापक मानदंडों पर आधारित मूल्यांकन, तकनीकी सुदृढ़ता और आंतरिक जोखिम प्रबंधन पर 40% भारांक; सेबी को गवर्नेंस सुधार में मिलेगी मदद

Published by
खुशबू तिवारी   
Last Updated- July 16, 2024 | 11:17 PM IST

शेयर बाजार की व्यवस्था के लिए रीढ़ माने जाने वाले शेयर बाजारों और अन्य मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशन (एमआईआई) की आठ व्यापक मानदंडों पर स्वतंत्र समीक्षक जल्द परख करेंगे। इस समीक्षा के आधार पर उन्हें रेटिंग दी जा सकती है। इससे बाजार नियामक सेबी को उनके प्रदर्शन का आकलन करने और जरूरी हुआ तो उनके गवर्नेंस की व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए सलाह देने में मदद मिलेगी।

शेयर बाजारों के अलावा अन्य एमआईआई हैं डिपॉजिटरीज और क्लियरिंग कॉरपोरेशन। उनके मूल्यांकन में शामिल मानदंडों मसलन पहली ही सीढ़ी पर नियामक के रुप में उनकी खुद की सक्रियता, अनुपालन लागत नीचे लाने की कोशिशें, शुल्क की तर्कसंगतता और सेबी के साथ साझा की गई सूचनाओं का विश्लेषण उनके मुख्य परिचालन के साथ होगा। तकनीक में एमआईआई की सुदृढ़ता मसलन निगरानी की व्यवस्था और आंतरिक जोखिम प्रबंधन के ढांचे के साथ उनके प्रमुख कार्यों का रेटिंग में सबसे ज्यादा 40 फीसदी भार होगा।

अपने प्रतिभागियों के लिए प्रथम स्तर के स्वतंत्र नियामक के तौर पर एमआईआई का काम और सेबी के साथ अलर्ट या सूचनाएं साझा किए जाने के मामले को मूल्यांकन में 15 फीसदी भार मिलेगा। इसके बाद निवेशक सुरक्षा से जुड़े कदमों पर 10 फीसदी, शुल्क की तर्कसंगतता और अनुपालन लागत घटाने की व्यवस्था को 5 फीसदी भार दिया जाएगा। बोर्ड के एजेंडे वाले दस्तावेज में ये बातें कही गई है और बिजनेस स्टैंडर्ड ने उसको देखा है।

सेबी ने इन दस्तावेज में कहा है कि इससे सेबी एमआईआई के प्रदर्शन की तुलना करने में सक्षम होगा जो उनकी गतिविधियों की प्रकृति और समय के साथ उनकी निगरानी के रुझान पर आधारित होगा। यह मूल्यांकन बाहर की एजेंसी करेगी जिसकी नियुक्ति एमआईआई करेंगी। हालांकि सेबी एजेंसी की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा। बाजार नियामक ने 27 जून की बोर्ड बैठक में एमआईआई के बाहरी एजेंसी से मूल्यांकन के लिए व्यापक नियमों को मंजूरी दे दी थी।

नियामक ने एमआईआई के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड फोरम (आईएसएफ) के साथ संपर्क के जरिये मूल्यांकन की व्यवस्था का फैसला लिया है। ऐसा बाहरी मूल्यांकन हर तीन साल पर होगा और पहला असेसमेंट इस ढांचे के लागू होने के 12 महीने के भीतर होगा। हर उप-मानदंडों के लिए अहम प्रदर्शन के संकेतों के नमूने की पहचान सेबी ने आईएसएफ के साथ संपर्क के जरिये की है। हर उप-मानदंडों को भारांक दिए गए हैं जो उनकी अहमियत पर आधारित हैं।

सेबी ने कहा, एमआईआई की सांविधिक कमेटी के बाह्य मूल्यांकन के मानकों पर अभी विस्तार से विचार-विमर्श हो रहा है। नियामक ने कहा है कि इसके फीडबैक के आधार पर मानकों को समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है।

First Published : July 16, 2024 | 10:49 PM IST