28 जनवरी 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी दूर करने के लिए तीन बड़े कदम उठाए, जिसके बाद निफ्टी बैंक और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 2.1% तक की जोरदार बढ़त देखने को मिली। आरबीआई ने ऐलान किया कि वो बैंकिंग सिस्टम में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये की नकदी डालेंगे। इस फैसले से बाजार में जोश भर गया। डॉ. वी के विजयकुमार, जो गियोजिट फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार हैं, उन्होंने कहा, “आरबीआई का यह कदम बैंकिंग सिस्टम में नकदी बढ़ाएगा, और यह बाजार के लिए पॉजिटिव है। इससे भारत के मौद्रिक नीति समिति (MPC) से फरवरी में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी बढ़ गई है। इससे बैंकों को फायदा हो सकता है।”
निफ्टी बैंक में खास बढ़त
सुबह करीब 11:37 AM पर, निफ्टी बैंक इंडेक्स के बडे़ बैंकों के स्टॉक्स में जबरदस्त उछाल आया। एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक के शेयर 3% तक बढ़ गए। वहीं आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के शेयर भी 2% से ज्यादा चढ़े। इसके अलावा, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडसइंड बैंक के शेयरों में भी 1% से ज्यादा का उछाल आया। इस तरह निफ्टी बैंक के 8 स्टॉक्स में बढ़त और 4 में गिरावट देखने को मिली।
निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में भी बड़ी बढ़त देखने को मिली। चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस के शेयर 4% से ऊपर चढ़े, वहीं बजाज फिनसर्व और श्रीराम फाइनेंस के शेयर भी 1% से ज्यादा बढ़े।
आरबीआई के उपायों का असर
आरबीआई ने सोमवार को ओपन मार्केट ऑपरेशन्स (OMO) के तहत 60,000 करोड़ रुपये की सरकारी सिक्योरिटीज खरीदने का ऐलान किया। यह खरीदारी तीन चरणों में होगी, 30 जनवरी, 13 फरवरी और 20 फरवरी को।
इसके अलावा, आरबीआई 7 फरवरी को 56 दिन की वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो (VRR) नीलामी करेगा, जिसमें 50,000 करोड़ रुपये की रकम डाली जाएगी। इससे साल के अंत तक बैंकिंग सिस्टम में नकदी बनी रहेगी। ये फंड्स अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा तक लौटेंगे।
और हां, आरबीआई ने 5 अरब डॉलर-रुपये स्वैप नीलामी का भी ऐलान किया है, जो 31 जनवरी को होगी। इससे करीब 50,000 करोड़ रुपये की नकदी बैंकिंग सिस्टम में आएगी। हालांकि, विदेशी मुद्रा बाजार में इसका असर फॉरवर्ड प्रीमियम पर पड़ सकता है, लेकिन स्पॉट रेट्स पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
क्या आने वाले वक्त में दरों में कटौती होगी?
आरबीआई के इन कदमों से बैंकिंग सिस्टम में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की मुख्य नकदी और 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी आएगी। राजीव राधाकृष्णन, CIO – फिक्स्ड इनकम, एसबीआई म्यूचुअल फंड के अनुसार, “इन कदमों का असर सीधे और स्थायी रूप से बाजार पर पड़ेगा। हालांकि, ब्याज दरों में कटौती के फैसले को थोड़े समय के लिए टाला जा सकता है, जब तक हमें बाहरी हालात और घरेलू विकास, मुद्रास्फीति और नकदी के बेहतर संतुलन का पता न चल जाए।”