एनबीएफसी की वाणिज्यिक प्रतिभूतियोंं में म्युचुअल फंडों के निवेश की हिस्सेदारी सितंबर 2020 में डेट एयूएम का 3.2 फीसदी रह गया। सितंबर 2018 में यह आंकड़ा 9.5 फीसदी था, जो 6.3 फीसदी की गिरावट दर्शाता है। यह जानकारी केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट से मिली।
सितंबर में माह दर माह के आधार पर एनबीएफसी की वाणिज्यिक प्रतिभूतियों में निवेश 0.5 लाख करोड़ रुपये पर स्थिर रहा, जो पिछले साल निवेशित रकम का आधा है। डेट फंडों की तरफ से कॉरपोरेट डेट में निवेश सितंबर में 0.8 लाख करोड़ रुपये पर स्थिर रहा।
कुल डेट फंड के प्रतिशत के तौर पर एनबीएफसी की वाणिज्यिक प्रतिभूतियों व कॉरपोरेट डेट में निवेश का अनुपात इस साल सितंबर में घटकर 8.8 फीसदी रह गया, जो एक साल पहले 13.8 फीसदी था। कुल एमएफ में डेट एयूएम की आनुपातिक हिस्सेदारी सितंबर में सुधरकर 49.9 फीसदी पर पहुंच गई, जो एक साल पहले 45.5 फीसदी रही थी। मार्च 2020 में यह 47.7 फीसदी थी।
एनबीएफसी के पास बैंकों का बकाया सितंबर में 46.3 फीसदी बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो सितंबर 2018 में 5.5 लाख करोड़ रुपये था। इस आंकड़े में हालांकि एनबीएफसी को बैंकोंं की तरफ से सिक्योरिटाईजेशन के जरिए उपलब्ध कराई गई नकदी शामिल नहीं है।
बैंक क्रेडिट में एनबीएफसी की हिस्सेदारी सितंबर 2018 के 6.9 फीसदी के मुकाबले सितंबर 2020 में 8.7 फीसदी पर पहुंच गई। हालांकि एनबीएफसी को बैंंक क्रेडिट में बढ़त की रफ्तार आधार प्रभाव आदि के कारण कम रही।
प्राथमिक बाजार से एनबीएफसी की तरफ से जुटाई गई मासिक रकम सितंबर में 0.2 लाख करोड़ रुपये रही, जो मार्च 2019 में 0.8 फीसदी रही थी क्योंंकि एनबीएफसी में संकट के दौर में वित्त का अहम स्रोत बैंक बन गया।
केयर की रिपोर्ट में कहा गया है, एनबीएफसी का लिक्विडिटी कवर मोटे तौर पर संग्रह और ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में संसाधन जुटाने की उसकी क्षमता पर निर्भर करेगा। हालांकि ऐसे मुश्किल समय में बैंक एनबीएफसी को ठीक-ठाक उधारी दे रहे हैं।
