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सेबी (Securities and Exchange Board of India) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है। इसके चलते वित्त मंत्रालय ने इस पद के लिए नए आवेदनों की मांग की है। आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 17 फरवरी तय की गई है। माधबी पुरी बुच ने 1 मार्च 2022 को सेबी की कमान संभाली थी। वह सेबी की चेयरपर्सन बनने वाली पहली महिला, प्राइवेट सेक्टर से आने वाली पहली व्यक्ति और सबसे कम उम्र की प्रमुख हैं। इससे पहले वह अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 तक सेबी की पूर्ण-कालिक सदस्य (Whole-time Member) के रूप में कार्य कर चुकी हैं।
इस बार सेबी चेयरपर्सन का कार्यकाल तीन साल के बजाय पांच साल का होगा। वित्त मंत्रालय ने इस पद के लिए आवेदन का विस्तृत प्रारूप अपने आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs) की वेबसाइट पर उपलब्ध कराने की बात कही है।
माधबी पुरी बुच का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग और कुछ राजनीतिक दलों ने अदाणी समूह की जांच को लेकर उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए। कांग्रेस पार्टी ने भी उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। हालांकि, बुच और उनके पति ने इन आरोपों का खंडन किया।
इसके अलावा, सेबी कर्मचारियों ने “टॉक्सिक वर्क कल्चर” का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सेबी को मानव संसाधन (HR) से जुड़े मुद्दों पर जारी एक प्रेस रिलीज वापस लेनी पड़ी।
विवादों के बावजूद, बुच के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। इनमें तेज गति से मामलों का निपटारा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) से अधिक खुलासे की मांग, म्यूचुअल फंड और वैकल्पिक निवेश फंड (AIFs) के लिए व्यवसाय को आसान बनाना और स्टॉक ब्रोकर्स के साथ फ्लोट कम करने जैसे कदम शामिल हैं।
अगर 28 फरवरी से पहले सेबी चेयरपर्सन के लिए सही उम्मीदवार नहीं मिला, तो माधबी पुरी बुच का कार्यकाल बढ़ सकता है। बाजार के जानकारों का मानना है कि इस रेस में कई बड़े नौकरशाह शामिल हो सकते हैं। अब सेबी को नया लीडर मिलता है या बुच को कुछ और वक्त के लिए कुर्सी संभालनी पड़ेगी। इस सस्पेंस ने बाजार और प्रशासनिक हलकों में खासी हलचल मचा रखी है।