Brokerages on Tata Motors Share: पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल बनाने वाली दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स के शेयर सोमवार को शुरूआती कारोबार में करीब 3 फीसदी चढ़ गए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी जून तिमाही नतीजों के बाद देखने को मिली। पहली तिमाही के दौरान टाटा मोटर्स का टैक्स के बाद का मुनाफा (PAT) 63% तक घटकर 3,924 करोड़ रुपये रह गया। तिमाही नतीजों के बाद ब्रोकरेज हाउसेस ने स्टॉक पर अपनीउ स्ट्रेटेजी जारी कर दी है। ब्रोकरेज का कहना है कि आगे चलकर कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने टाटा मोटर्स शेयर (Tata Motors Share) पर ‘Reduce’ रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर टारगेट प्राइस 670 रुपये से घटाकर 610 रुपये कर दिया है। यह शेयर के पिछले बंद भाव 633 रुपये से करीब 4% कम है।
ब्रोकरेज ने टाटा मोटर्स की जेएलआर के लिए धीमी वृद्धि का अनुमान जताया है। साथ ही जगुआर मॉडल के बंद होने, चीन और यूरोप में कमज़ोर बिक्री और अमेरिकी टैरिफ़ के कारण केवल 1 प्रतिशत सीएजीआर का अनुमान लगाया है। इसके अलावा हाई आधार, उचित ट्रांसपोर्टर उपयोग और रेलवे प्रतिस्पर्धा के कारण भारत के कमर्शियल वाहन कारोबार में भी केवल 1 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि होने की संभावना जताई है।
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मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने टाटा मोटर्स शेयर पर अपनी ‘Neutral’ रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 631 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। यह शेयर के मौजूदा लेवल के लगभग बराबर है।
मोतीलाल ओसवाल ने जेएलआर के लिए कई चुनौतियों का संकेत दिया है। इनमें अमेरिकी निर्यात के लिए टैरिफ संबंधी अनिश्चितता, यूरोप और चीन में कमजोर मांग और बढ़ती वारंटी, एमिशन और मार्केटिंग लागत शामिल हैं। प्रबंधन ने वित्त वर्ष 2025-26 के बाद के लिए कोई गाइडेंस देने से परहेज किया है। साथ ही मार्जिन पर दबाव जारी रहने और भारत के कमर्शियल और पैसेंजर वाहन कारोबार में मांग में कमी की आशंका है।
इंटरनैशनल ब्रोकरेज फर्म जैफरीज ने टाटा मोटर्स (Tata Motors) शेयर पर ‘underperform’ रेटिंग दी है। ब्रोकरेज ने शेयर 550 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है। यह शेयर के मौजूदा भाव से 13 फीसदी कम है।
ब्रोकरेज हाउस ने कुछ अहम चिंताओं को हवाला दिया है। ब्रोकरेज के अनुसार, जेएलआर (जगुआर लैंड रोवर) को बढ़ती प्रतिस्पर्धा, चीन में टैक्स से जुड़ी दिक्कतें, वारंटी खर्च में वृद्धि और पुराने हो चुके मॉडलों की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत के पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी में गिरावट और मार्जिन पर दबाव भी एक चिंता का विषय है। इसके साथ ही कमर्शियल वाहनों की कमजोर मांग और इवेको (Iveco) अधिग्रहण को लेकर भी बाजार में आशंका बनी हुई है।
टाटा मोटर्स का वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान प्रॉफिट के बाद का टैक्स (PAT) 63 प्रतिशत तक घटकर 3,924 करोड़ रुपये रह गया। सभी कारोबारों की बिक्री में गिरावट और मुख्य रूप से जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) के लाभ में कमी का मुनाफे पर असर पड़ा। कंसोलिडेट रेवेन्यू भी 2.5 प्रतिशत घटकर 1,04,407 करोड़ रुपये रह गया, क्योंकि जेएलआर के राजस्व में 9.2 प्रतिशत, वाणिज्यिक वाहनों के राजस्व में 4.7 प्रतिशत और यात्री वाहनों के राजस्व में 8.2 प्रतिशत तक की गिरावट आई जो उद्योग की मांग में नरमी बताती है।
एबिटा मार्जिन पिछले साल की तुलना में 480 आधार अंक गिरकर 9.2 प्रतिशत रह गया। बीएसई पर कंपनी के शेयर में 2.19 प्रतिशत की गिरावट आई क्योंकि लाभ विश्लेषकों के अनुमान से कम रहा जबकि राजस्व अनुमान के अनुरूप। टाटा मोटर्स का मानना है कि आगे चलकर मांग की स्थिति चुनौतीपूर्ण रह सकती है।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)