Share Market Today: भारतीय शेयर बाजार आज उम्मीदों के मुताबिक ही लाल निशान में ओपन हुए। BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 330 अंकों की गिरावट के साथ 76,877 के लेवल पर और निफ्टी-50 119.80 अंक फिसलकर 23,382.30 पर खुले।
माना जा रहा है कि ग्लोबल मार्केट के निराशाजनक मूड हालिया तेजी के बीच तकनीकी सुधार की संभावना है। निवेशकों का ध्यान आने वाली GST बैठक पर भी केंद्रित रहेगा, जहां कुछ क्षेत्रों GST दरों में बदलाव पर चर्चा चल रही है।
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, अदाणी पोर्ट्स, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर नुकसान में थे। वहीं सन फार्मा, ITC, ICICI Bank और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के शेयर लाभ में कारोबार कर रहे थे।
एशिया-पेसिफिक मार्केट की बात की जाए तो पिछले कारोबारी दिन सभी बाजारों में गिरावट देखने को मिली। जापान के बाहर एशिया-पेसिफिक शेयरों में MSCI का सबसे बड़ा इंडेक्स पिछले सप्ताह दो साल के टॉप लेवल को छूने के बाद 0.1 फीसदी गिर गया। साउथ कोरिया का कोस्पी (Kospi) 0.61 फीसदी गिरा, ऑस्ट्रेलिया का ASX 0.59 फीसदी नीचे आया और जापान का निक्केई (Nikkei) 0.413 फीसदी फिसल गया।
ट्रेडर्स इस सप्ताह के अंत में ऑस्ट्रेलिया और जापान के महंगाई दर (Inflation) के डेटा का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिका में, पिछला सेशन मिले-जुले परफॉर्मेंस के साथ समाप्त हुआ क्योंकि S&P500 0.16 फीसदी और नैस्डैक 0.18 फीसदी फिसल गए। हालांकि, डॉव जोन्स (Dow Jones ) 0.04 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
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घरेलू बाजार की बात की जाए तो आम चुनाव के नतीजों के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शानदार वापसी की है। FPI ने जून में अब तक यानी 21 जून तक भारतीय शेयर बाजार में नेट 12,170 करोड़ रुपये का निवेश किया है। गौरतलब है कि भारत के लोकसभा चुनाव में कई कयासों के बीच FPI ने जमकर शेयरों की बिकवाली की थी, और मई में इस अनिश्चितता के बीच उन्होंने शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की बात की जाए तो जून महीने में 21 तारीख तक उन्होंने 1,237.21 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
आज के मार्केट की बात की जाए तो FII और DII फंड इनफ्लो के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों पर भी नजदीकी नजर रखेंगे।
एनालिस्ट्स का मानना है कि मंथली डेरिवेटिव्स के एक्सपायरी की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में हलचल देखने को मिल सकती है। शेयर बाजारों की दिशा ग्लोबल मार्केट और विदेशी निवेशकों (FII) की गतिविधियों से तय होगी।
मॉनसून की स्थिति भी शेयर बाजार की दिशा तय करेगी। ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी इस दौरान निवेशकों की सेंटिमेंट को प्रभावित कर सकते हैं। पिछले कारोबारी दिन निवेशकों ने वैश्विक बाजारों में मंदी के रुझान के बीच तेल और गैस, पूंजीगत वस्तुओं और FMCG शेयरों में बिकवाली की।
पिछले सप्ताह BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 217.13 अंक या 0.28 फीसदी के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 35.5 अंक या 0.15 फीसदी चढ़ गया। अंतिम कारोबारी दिन यानी 21 जून को भारतीय शेयर बाजार में 6 दिन से जारी रिकॉर्ड तेजी पर ब्रेक लग गया था। इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स में Sensex और Nifty पर बिकवाली का दबाव देखा गया।
BSE का Sensex 269.03 अंक यानी 0.35 फीसदी की गिरावट के साथ 77,209.90 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में 76,802.00 और 77,808.45 के रेंज में कारोबार हुआ।
वहीं, दूसरी तरफ NSE के Nifty में भी 65.90 अंक यानी 0.28 फीसदी की हल्की गिरावट देखी गई। निफ्टी दिन के अंत में 23,501.10 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में 23,398.20 और 23,667.10 के रेंज में कारोबार हुआ।