Stock Market Closing Bell, Monday, September 22, 2025: एशियाई बाजारों में तेजी के बावजूद भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के पहले ट्रेडिंग सेशन यानी सोमवार (22 सितंबर) को गिरावट के साथ बंद हुए। बड़ी गिरावट के कारोबार की शुरुआत करने बाद बाजार में रिकवरी देखने को मिली थी। लेकिन कारोबार के अंत में बिकवाली एक बार फिर हावी हो गई। H1 b वीजा नियमों में सख्ती के चलते आईटी स्टॉक्स में गिरावट ने बाजार को नीचे खींचा। जीएसटी 2.0 लागू होने के साथ अंतिम एक घंटे में कुछ सेक्टर में मुनाफावसूली से बाजार में गिरावट तेज हो गई।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 450 अंक की गिरावट लेकर 82,151.07 पर खुला। हालांकि, खुलने के कुछ ही देर में इंडेक्स में रिकवरी देखने को मिली। लेकिन कारोबार के अंतिम एक घंटे में मुनाफावसूली से इंडेक्स में गिरावट बढ़ गई। अंत में यह 446.80 अंक या 0.54 फीसदी गिरकर 82,179.43 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी -50 (Nifty-50) भी बड़ी गिरावट के साथ 25,238 पर ओपन हुआ। दिन के कारोबार के दौरान कुछ रिकवरी के बाद अंतिम घंटे में बिकवाली हावी हो गई। अंत में यह 124.70 अंक या 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,202 पर क्लोज हुआ।
सेबी रजिस्टर ऑनलाइन ट्रेडिंग एंड वेल्थ टेक फर्म एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा, ”निफ्टी गिरावट की मुख्य वजह आईटी सेक्टर के शेयरों में तेज बिकवाली रही। अमेरिका के H1 b वीजा फीस में भारी बढ़ोतरी के बाद आउटसोर्सिंग कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसके साथ ही कमजोर रुपये और मजबूत अमेरिकी डॉलर ने निवेशकों की सेंटीमेंट्स को और नुकसान पहुंचाया।”
उन्होंने कहा कि निफ्टी दिनभर एक सीमित दायरे में कारोबार करता रहा। 25,150 पर मजबूत सपोर्ट बना रहा। जबकि 25,330 के पास रेजिस्टेंस देखा गया। 25,200 के स्तर पर हुई मजबूत पुट राइटिंग ने नीचे की तरफ सहारा दिया। वहीं 25,300 पर भारी कॉल पोजिशन ने ऊपर की तरफ बढ़त को सीमित कर दिया। मीडिल सेशन में निफ्टी ने एक बार 25,350 के ऊपर जाने की कोशिश की, लेकिन बिकवाली के दबाव में इंडेक्स फिर से गिरा और दिन का निचला स्तर 25,151 तक छू गया। हालांकि इस गिरावट के बावजूद, निफ्टी अपने प्रमुख मूविंग एवरेज के ऊपर बना रहा। यह यह दर्शाता है कि निचले स्तरों पर अभी भी खरीदार सक्रिय हैं।’
निफ्टी-50 की कंपनियों में Tech Mahindra, TCS, Infosys, Wipro, Cipla, HCL Tech, Tata Motors, Dr Reddy’s Labs, IndusInd Bank, Reliance Industries, Trent और Jio Financial Services निफ्टी के टॉप लूजर्स में शामिल रहे। इन शेयरों में 1 फीसदी से लेकर 3 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी तरफ, Adani Enterprises, Eternal, Bajaj Finance, Adani Ports और Ultratech Cement टॉप गेनर्स में रहे। इन शेयरों में 4 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली।
ब्रॉडर मार्केट्स पर भी दबाव साफ दिखा। Nifty MidCap इंडेक्स 0.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। जबकि Nifty SmallCap इंडेक्स 1.17 फीसदी टूटा। इस दौरान, वोलैटिलिटी इंडेक्स India VIX में भी 5.8% की तेज उछाल देखी गई।
सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो Nifty IT इंडेक्स में सबसे ज्यादा लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके बाद Nifty Pharma में 1.4 फीसदी और Nifty FMCG में 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, Nifty Metal इंडेक्स ने 0.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ मजबूती दिखाई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इमिग्रेशन नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की है। इस कारण शेयर बाजारों में बिकवाली का दबाव देखा गया। आईटी शेयरों में भारी गिरावट आई। निफ्टी आईटी इंडेक्स 3 फीसदी टूट गया। ट्रंप ने 19 सितंबर को अचानक एक नए आदेश के तहत एच1-बी वीजा शुल्क बढ़ाने की घोषणा की। इससे एच1-बी वीजा पर काम कर रहे हजारों भारतीय पेशेवरों के बीच चिंता, घबराहट और अविश्वास का माहौल पैदा हो गया।
इस बीच, ट्रंप और चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बाद पॉजिटिव रुख के चलते एशिया के ज्यादातर शेयर बाजारों में तेजी दर्ज की गई। ट्रंप ने कहा कि वह आगामी एशिया बाजारों में आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे।
बैंक ऑफ जापान (BOJ) के अपने विशाल एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड होल्डिंग्स को बेचने की योजना का खुलासा करने के बाद जापान का निक्केई 1.4 प्रतिशत ऊपर रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.9 प्रतिशत बढ़ा।
नीतिगत बैठकों में और ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के बीच शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट के शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए। एसएंडपी 500 इंडेक्स और टेक सेक्टर में अग्रणी नैस्डैक क्रमशः 0.49 प्रतिशत और 0.72 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए।
नवरात्र की शुरुआत के साथ ही सरकार की तरफ से जरूरी सामानों और वाहनों पर जीएसटी दरों में कटौती आज से लागू हो गई है। इस बदलाव से रोजमर्रा की जरूरत की चीजें और वाहन सस्ते हो गए हैं, जिसका सीधा लाभ आम उपभोक्ताओं को मिलेगा।
सरकार ने जीएसटी सुधार के तहत चार स्लैब की जगह अब केवल दो मुख्य स्लैब रखे हैं – 5% और 18%। इसके अलावा, अल्ट्रा लग्जरी सामानों के लिए एक नया 40% का टैक्स ब्रैकेट भी तय किया गया है। इस बदलाव से सामान की खरीददारी पर असर पड़ेगा और उपभोक्ताओं को पहले से कम कीमत में समान मिलेगा।