एनएसई निफ्टी पिछले पांच कारोबारी सत्रों में 3.7 फीसदी यानी 837 अंक टूट गया। इससे पहले शुक्रवार (3 मई) को वह अब तक के सर्वोच्च स्तर 22,794.70 पर पहुंचा था। इस प्रक्रिया में निफ्टी-50 इंडेक्स एक महीने से भी कम समय में दूसरी बार अपने 100 दिन के मूविंग एवरेज 21,970 के पास कारोबार करता दिखा है। इससे पहले 19 अप्रैल 2024 को निफ्टी ने 100 दिन के डीएमए के समर्थन स्तर को परखा था और उसके बाद वापसी करते हुए 4.7 फीसदी यानी 1,017 अंक चढ़कर 22,794.70 की नई ऊंचाई को छुआ।
तकनीकी स्तर पर निफ्टी रोजाना के चार्ट में ऊपरी स्तर के रुझान के आसपास प्रतिरोध का सामना कर रहा है जो 22,470 का स्तर है। व्यापक रुख हालांकि सकारात्मक है क्योंकि अल्पावधि का मूविंग एवरेज लंबी अवधि के मूविंग एवरेज से सहजता के साथ ऊपर है। तकनीकी चार्ट से पता चलता है कि रोजाना व साप्ताहिक चार्ट पर तेज घट-बढ़ वाले अहम संकेतक और गिरावट की संभावना बताते हैं।
ऐसे में 100 डीएमए का 21,970 का स्तर टूटने और इससे नीचे लगातार कारोबार करने पर इसके और गिरकर 200 डीएमए (20,825 का स्तर) की ओर जाने की संभावना बन सकती है। यह संभावित तौर पर गुरुवार के बंद स्तर 21,958 से 5.2 फीसदी यानी 1,133 अंकों की गिरावट का जोखिम बताता है।
आनंद राठी में इक्विटी शोध (तकनीकी) के वरिष्ठ प्रबंधक जिगर पटेल ने कहा कि निफ्टी-50 इंडेक्स 15 जनवरी से अब तक राइजिंग चैनल पैटर्न में कारोबार कर रहा है। उनका मानना है कि यह इंडेक्स साप्ताहिक चार्ट पर जरूरत से ज्यादा बिकवाली वाला नजर आ रहा है और इसमें अल्पावधि में 200-300 अंकों की रिकवरी आ सकती है।
उन्होंने कहा कि हालांकि लंबी अवधि के लिहाज से इंडेक्स लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद 20,500-20,600 की ओर फिसल सकता है। बावजूद निफ्टी के लिए 21,900 अहम स्तर है, जहां से हमें बाजारों में कुछ रिकवरी की उम्मीद है। निफ्टी-50 के 37 शेयर 200 डीएमए से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी 500 में 354 शेयर अपने लंबी अवधि के औसत से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं।
बीएसई सेंसेक्स हालिया उच्चस्तर 75,095 से 3.5 फीसदी यानी 2,691 अंक नीचे आ चुका है। पिछली तेजी में सेंसेक्स नई ऊंचाई पर पहुंचने में नाकाम रहा। बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स का अब तक का सर्वोच्च स्तर 75,124 है, जो 9 अप्रैल 2024 को बना था।
फिबोनाची चार्ट बताता है कि बीएसई सेंसेक्स का अल्पावधि का समर्थन स्तर 72,240 है, जिससे नीचे यह 71,000 तक फिसल सकता है और उसके बाद 68,850 के स्तर तक गिरावट भी संभव है।