अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरों में 25 आधार अंक की कटौती करने और आगे भी इसमें कमी की संभावना जताने के बाद प्रमुख सूचकांक गुरुवार को दो महीने के ऊंचे स्तर पर बंद हुए। हालांकि, दर में कटौती के समय को लेकर बाजार में अभी भी असमंजस बना हुआ है। भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीद और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के डॉलर प्रवाह में सुधार से भी बाजार का मूड बेहतर हुआ।
निफ्टी-50 सूचकांक 0.37 प्रतिशत बढ़कर 25,423.6 पर पहुंच गया। यह 9 जुलाई के बाद इसका सबसे ऊंचा बंद स्तर है। पिछले 12 सत्रों में से 11 में इसमें बढ़त देखी गई। सेंसेक्स 0.39 प्रतिशत बढ़कर 83,013.96 पर पहुंच गया जो 10 जुलाई के बाद पहली बार 83,000 के स्तर से ऊपर पहुंचा है। पिछले तीन सप्ताह में दोनों सूचकांक लगभग 4 प्रतिशत बढ़े हैं। लेकिन वे पिछले साल सितंबर के अपने ऊंचे स्तर से लगभग 3 प्रतिशत नीचे बने हुए हैं।
हाल की इस बढ़त के पीछे जरूरी सामान पर जीएसटी में हाल में की गई कटौती से खपत बढ़ने की उम्मीद को माना जा रहा है। साथ ही वैश्विक संकेतों में भी सुधार हुआ है। फेड के फैसले से पहले, अमेरिकी रोजगार बाजार में कमजोरी के कारण पॉलिसी में ढील की उम्मीद के चलते जोखिम वाली परिसंपत्तियों में मजबूती रही। बुधवार को फेड ने इस साल पहली बार ब्याज दर में कटौती की। लेकिन भविष्य के कदम के बारे में उसका रुख नरम रहा।
सकारात्मक माहौल को और मजबूत करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि 30 नवंबर के बाद कुछ भारतीय आयात पर अमेरिका के टैरिफ हटाए जा सकते हैं। सेक्टर की बात करें तो सूचना प्रौद्योगिकी और फार्मास्युटिकल्स (जो अमेरिका से अपनी आय का बड़ा हिस्सा प्राप्त करते हैं) क्रमशः 0.8 प्रतिशत और 1.5 प्रतिशत बढ़े।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘फेड द्वारा 25 आधार अंक की कटौती तथा आगे और कटौती के संकेत के बाद भारतीय इक्विटी में तेजी आई। अधिक खर्च और मजबूत निर्यात संभावनाओं की उम्मीदों से आईटी और फार्मा ने बेहतर प्रदर्शन किया। हालांकि महंगे मूल्यांकन और मजबूत डॉलर इंडेक्स ने समय-समय पर मुनाफावसूली को बढ़ावा दिया, लेकिन प्राइवेट बैंकों और मिडकैप और स्मॉलकैप ने सकारात्मक रुझान बनाए रखा।’
लाइवलॉन्ग वेल्थ के संस्थापक हरिप्रसाद के ने कहा, ‘कम अमेरिकी दरें और बेहतर कारोबारी धारणा भारत के लिए मजबूत बात है। जहां आईटी और फार्मा शेयरों में तेजी आई है, वहीं धातु क्षेत्र की भी चमक बढ़ी है।’
16 सेक्टोरल सूचकांकों में से 12 में तेजी आई। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.4 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगस्त के निचले स्तर से इन सूचकांकों में 6 प्रतिशत और 7 प्रतिशत की तेजी आई है।
इंडिया वीआईएक्स के 3.5 प्रतिशत गिरकर 9.89 के नए निचले स्तर पर पहुंचने से अस्थिरता और कम हो गई। हरिप्रसाद ने कहा, ‘पिछले एक महीने में वीआईएक्स में 19 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो लगभग रिकॉर्ड निचले स्तर की अस्थिरता का संकेत है। वैश्विक तरलता के अनुकूल होने और व्यापारिक अनुकूल परिस्थितियों के बढ़ने से बाजार की चाल मजबूत होने की संभावना है।’
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 367 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे और घरेलू निवेशकों ने 3,327 करोड़ रुपये की लिवाली की।