यूटीआई एएमसी में इक्विटी प्रमुख अजय त्यागी ने अभिषेक कुमार के साथ साक्षात्कार में कहा कि भारत में कई मजबूत एवं अच्छे प्रबंधन वाले बैंक अपने दीर्घावधि औसत के मुकाबले कम मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं जबकि उनका बुनियादी आधार और मजबूत हुआ है। त्यागी का कहना है कि निजी बैंक, उपभोक्ता सेवा एवं कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी जैसे क्षेत्र आकर्षक दिख रहे हैं, भले ही बाजार महंगा हो गया है। उनसे बातचीत के अंश:
ऐसा नहीं लग रहा है। जहां तक मिड एवं स्मॉलकैप का सवाल है, मूल्यांकन के लिहाज से हम दीर्घावधि औसत से ऊपर हैं। तुलनात्मक रूप से कहें तो लार्ज कैप बेहतर हैं लेकिन वहां भी मूल्यांकन में बढ़ोतरी की गुंजाइश सीमित है। वे अपने दीर्घावधि औसत के मुकाबले 15 से 20 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहे हैं। बाजार की आगामी चाल मूल्यांकन रेटिंग कम होने और आय वृद्धि पर केंद्रित रहेगी।
अमेरिका में दर कटौती की उम्मीद से मजबूत वैश्विक निवेश की संभावना है। घरेलू निवेश भी हर महीने मजबूत हो रहा है। बाजार को इससे कितनी मदद मिल रही है?
मजबूत प्रवाह का कारण मूल तौर पर मजबूत बाजार है, जैसा कि पिछले साल के निवेश प्रवाह से देखने को मिला। स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों ने ज्यादा निवेश आकर्षित किया क्योंकि उनका प्रदर्शन अच्छा रहा।
निफ्टी-50 की आय वृद्धि 15 प्रतिशत या इससे कुछ ज्यादा रह सकती है। स्मॉलकैप और मिडकैप अपने दीर्घावधि औसत के मुकाबले 40 से 45 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहे हैं। मौजूदा स्तरों को बनाए रखने के लिए आगामी वर्षों में काफी मजबूत आय वृद्धि की जरूरत होगी। थोड़ी भी निराशा पैदा होने से कीमतों में गिरावट को बढ़ावा मिलेगा। आय की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। ऐसी कई कंपनियां हैं जो नकदी प्रवाह और बैलेंस शीट से जुड़ी समस्याओं से जूझ रही हैं। स्मॉलकैप से उम्मीदें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं।
हम सबसे बड़ा अवसर निजी क्षेत्र के बैंकों में देख रहे हैं। इस देश में कुछ श्रेष्ठ तौर पर प्रबंधित बैंक आज ऐसे भाव पर कारोबार कर रहे हैं जो उनके दीर्घावधि औसत से कम है और हमें इन मूल्यांकन की ठीक वजह नहीं दिख रही है। हम उपभोक्ता सेवाओं और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी पर भी सकारात्मक हैं। कमजोर मांग की वजह से शेयर आकर्षक कीमतों पर कारोबार कर रहे हैं। जब भारत के मध्य वर्ग की खपत बढ़ेगी तो इन क्षेत्रों में मांग भी बढ़ेगी। आईटी क्षेत्र भी आकर्षक है।
वृद्धि से जुड़े शेयर इस साल बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। वैल्यू इंडेक्स अपने पांच वर्षीय औसत के मुकाबले काफी ऊपर कारोबार कर रहा है और मूल्यांकन
दीर्घावधि औसत के समान है। वैल्यू शेयरों में तेजी न्यून आधार पर आई है और इसे रेटिंग सुधार से मदद मिली। आय वृद्धि से भविष्य में शेयर कीमतें तय होंगी और वृद्धि केंद्रित शेयर इस मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन करने की बेहतर स्थिति में हैं।
हमारा मानना है कि वृद्धि वैश्विक तौर पर धीमी रहेगी। चीन पहले ही समस्याओं से घिरा हुआ है। अमेरिका मंदी का मुकाबला कर सकता है, लेकिन वहां उस तरह की वृद्धि नहीं देखी जा सकती है, जैसी पिछले कुछ वर्षों में दर्ज की गई थी। आधा यूरोप मंदी की चपेट में रहेगा। इसका सभी वैश्विक जिंसों और वैश्विक चक्रीयताओं पर प्रभाव पड़ेगा। हमें जिन क्षेत्रों में नकारात्मक रुझान सामने आने की आशंका है, वे वैश्विक चक्रीयता पर आधारित हैं और इनमें जिंस व ऊर्जा कंपनियां आदि शामिल हैं।
हाइब्रिड फंड, खासकर बैलेंस्ड एडवांटेज फंड और मल्टी-ऐसेट फंड इस समय अच्छे विकल्प हैं, जब मूल्यांकन बढ़ रहा है। यदि बाजार में गिरावट आती है जो नकारात्मक उतार-चढ़ाव से ये सुरक्षित बने रहेंगे। वहीं, मूल्यांकन सुधरने पर इक्विटी आवंटन स्वयं बढ़ जाएगा।