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मार्च 2023 की तिमाही के दौरान प्रवर्तकों के गिरवी शेयर में गिरावट दर्ज हुई क्योंकि अदाणी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड (Adani Ports & SEZ) और अदाणी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) ने अपने-अपने प्रवर्तकों के गिरवी शेयर में कमी दर्ज की।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल प्रवर्तक हिस्सेदारी के प्रतिशत के तौर पर उनके गिरवी शेयर घटकर 1.3 फीसदी रह गए, जो दिसंबर 2022 की तिमाही में 1.6 फीसदी रहे थे। उधर, कुल इक्विटी के प्रतिशत के तौर पर प्रवर्तकों के गिरवी शेयर 0.83 फीसदी से घटकर 0.64 फीसदी रह गए।
बीएसई 500 में शामिल कंपनियों की बात करें तो प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों की कुल कीमत 1.5 लाख करोड़ रुपये थी, जो इससे पिछली तिमाही के आखिर में 2.2 लाख करोड़ रुपये रही थी।
अदाणी समूह की फर्मों के अलावा अजंता फार्मा, मैक्स फाइनैंशियल सर्विसेज और लेमन ट्री होटल ने प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों में भारी कमी दर्ज की। दूसरी ओर, शिल्पा मेडिकेयर, वॉकहार्ट और इंडिया सीमेंट ने तिमाही के दौरान प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की।
बीएसई 500 इंडेक्स में शामिल 90 कंपनियों के प्रवर्तकों ने मार्च 2023 की तिमाही में अपनी हिस्सेदारी का कुछ भाग गिरवी रखा। इनमें से 17 कंपनियों के प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी का कम से कम 25 फीसदी हिस्सा गिरवी रखा।
केपीआईटी टेक्नोलॉजिज के प्रवर्तक ने अपने पूरे गिरवी शेयर छुड़ा लिए। जिन कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी का 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सा गिरवी रका उनमें थायरोकेयर टेक्नोलॉजिज, मैक्स फाइनैंशियल सर्विसेज और सुजलॉन एनर्जी शामिल हैं।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक, निफ्टी-50 इंडेक्स में जिन कंपनियों के प्रवर्तकों के सबसे ज्यादा शेयर गिरवी रखे गए हैं उनमें अपोलो हॉस्पिटल्स (16.6 फीसदी), एशियन पेंट्स (7.4 फीसदी), इंडसइंड बैंक (45.5 फीसदी) और जेएसडब्ल्यू स्टील (16.4 फीसदी) शामिल हैं।