Drone Stocks: पहलगाम हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिन्दूर के बाद ड्रोन बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में चार चांद लग गए हैं। भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए 7-8 मई की रात को ऑपरेशन सिन्दूर चलाया था। इस ऑपरेशन में बड़े पैमाने पर ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद से ड्रोन कंपनियों के शेयरों में तेज हलचल देखने को मिली है और इन कंपनियों के शेयर 50 फीसदी तक उछल गए हैं। इससे इन स्टॉक्स में पहले से निवेशित निवेशकों को जबरदस्त फायदा मिला है।
7-8 मई के बाद से आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी, पारस डिफेंस, जेन टेक्नोलॉजीज, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और डीसीएम श्रीराम इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज डिफेन्स और एयरोस्पेस कंपनियों के शेयरों में 8 से लेकर 50 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई है।
जेन टेक्नॉलजीज के शेयर 7 मई के बाद से 40 फीसदी से ज्यादा उछल गए हैं। कंपनी के शेयर 6 मई, 2025 को 1,357.55 रुपये के भाव पर बंद हुए थे। जबकि यह मंगलवार को 1,902.05 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। इस तरह, स्टॉक में 9 ट्रेडिंग सेशन में 40% की जोरदार तेजी आई है।
ज़ेन टेक्नोलॉजीज डिफेन्स ट्रेनिंग्स सिस्टम्स, लाइव रेंज वेपन और एंटी-ड्रोन सिस्टम्स की एक सीरीज को डिज़ाइन, डेवेलप और मैन्युफेक्चर करती है। कंपनी के कुछ सबसे प्रमुख उत्पादों में प्रहस्त (Prahasta) और एंटी ड्रोन हथियार शामिल हैं।
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आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी का स्टॉक 7 मई को सेना की कार्रवाई के बाद से 48% उछल गया है। कंपनी के शेयर 6 मई, 2025 को 362.85 रुपये के भाव पर बंद हुए थे। वहीं, मंगलवार (20 मई) को यह 539.40 रुपये पर बंद हुए। इस तरह, पिछले 9 ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक 48.48% चढ़ा है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) की ऑपरेशन सिन्दूर में बड़ी भूमिका रही है। कंपनी आकाश डिफेंस सिस्टम बनाती है। आकाश मिसाइल सिस्टम सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। कंपनी के शेयर 7 मई, 2025 को 310.55 रुपये के भाव पर बंद हुए थे। जबकि मंगलवार (20 मई) को स्टॉक का क्लोजिंग प्राइस 363.70 रुपये रहा। इस तरह, इस अवधि में शेयर में 18% की तेजी आई है।
पारस डिफेन्स के शेयर में भी अच्छी तेजी दर्ज की गई है। स्टॉक 7 मई, 2025 को 1,352.65 रुपये पर बंद हुआ था। जबकि गलवार (20 मई) को यह 1,596.05 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह स्टॉक में पिछले 9 ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक में 18% की बढ़त दर्ज की गई है।
डिफेन्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) के शेयरों में भी ऑपरेशन सिन्दूर के बाद से पॉजिटिव मूवमेंट आया है। कंपनी के शेयर 7 मई, 2025 को 4,507.10 रुपये पर बंद हुए थे। वहीं, मंगलवार (20 मई) को यह 4,850 रुपये पर बंद हुए। इस तरह, स्टॉक पिछले 9 ट्रेडिंग सेशन में 8% चढ़ा है।
ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ और मुख्य निवेश रणनीतिकार विकास गुप्ता ने कहा कि निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स पिछले 2.5 महीनों में करीब 60% बढ़ा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद इंडेक्स में करीब 18% से 20% की बढ़ोतरी हुई है। कई स्टॉक्स में इससे भी ज़्यादा उछाल आया है। उम्मीद है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सशस्त्र बलों और रक्षा मंत्रालय की ओर से बढ़े हुए फोकस के परिणामस्वरूप बड़ी ऑर्डर बुक वाली रक्षा कंपनियां तेज़ी से काम करेंगी। अगर ये कंपनियां उम्मीदों पर खरा उतरती है, तो डिफेन्स स्टॉक्स उचित वैल्यू के करीब हैं। हालांकि, अगर एग्जीक्यूशन पहले की तरह ही रहा, तो ज्यादातर डिफेन्स स्टॉक्स का वैल्यूएशन काफी अधिक हैं।
गुप्ता ने डिफेन्स सेक्टर के आउटलुक पर कहा कि यह तेजी से आर्डर के एग्जीक्यूशन और ऑर्डर प्राप्त करने की तेज गति पर निर्भर करता है। यदि कंपनियां स्थायी रूप से एग्जीक्यूशन की उच्च गति पर चलती हैं तो यह एक फायदेमंद सेक्टर हो सकता है। हालांकि, यदि एग्जीक्यूशन की गति सकारात्मक दिशा में दृढ़ता से नहीं बदलती है, तो निवेश प्रदर्शन के मामले में स्टॉक आकर्षक होने की संभावना नहीं है।
कैपिटामाइंड पीएमएस में फंड मैनेजर कृष्णा अप्पाला ने कहा कि भारत के रक्षा क्षेत्र ने पिछले कुछ वर्षों में मजबूत रिटर्न दिया है। यह नीतिगत समर्थन, ऑर्डर बुक विस्तार और बढ़ती भू-राजनीतिक का संयोजन के चलते बढ़ा है। वित्त वर्ष 22-23 के दौरान इस क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला। रक्षा बजट अलॉटमेंट में 10 से 13% की वृद्धि हुई। हालांकि, यह गति 2024 के मध्य में कुछ समय के लिए कम हो गई। जुलाई के बजट में आवंटन में 5% से भी कम की वृद्धि हुई। यह एक ऐसा आंकड़ा था जिसने बाजार को नीचे की ओर चौंका दिया।
उन्होंने डिफेन्स सेक्टर के आउटलुक को लेकर कहा कि भारत के डिफेंस सेक्टर के लिए आउटलुक लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चरल रूप से मजबूत बना हुआ है। पिछले 4-5 वर्षों में शुरू किया गया स्वदेशीकरण अभियान अगले 3-5 वर्षों तक जारी रहने की उम्मीद है।
पीएल कैपिटल में रिसर्च एनालिस्ट अमित अनवानी ने कहा कि सरकार का फोकस स्वदेशी डिफेन्स उपकरणों के एक्सपोर्ट पर है। सेक्टर को लेकर ओवरऑल सेंटीमेंट पॉजिटिव है पर वैल्यूएशन ज्यादा है। उन्होंने कहा कि डिफेन्स सेक्टर में शार्ट टर्म में करेक्शन देखने को मिल सकता है। वहीं, जो लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, वे निवेशित रह सकते हैं।