शेयर बाजार

Beta T+0 settlement: जिस दिन सौदा, उसी दिन निपटान व्यवस्था 28 मार्च से शुरू; सेंसेक्स के केवल तीन शेयर शामिल

सौदे के दिन ही निपटान व्यवस्था को फिलहाल वैक​ल्पिक रखा जाएगा और इ​क्विटी नकदी श्रेणी में मौजूदा T+1 निपटान व्यवस्था साथ-साथ जारी रहेगी।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- March 27, 2024 | 9:11 PM IST

भारतीय शेयर बाजार गुरुवार से सौदे के दिन ही निपटान व्यवस्था (टी+0 निपटान) की शुरुआत करेगा। शुरू में ‘बीटा’ ढांचे का परीक्षण केवल 25 शेयरों पर किया जाएगा। इसमें सेंसेक्स में शामिल केवल तीन शेयर हैं।

जेएसडब्ल्यू स्टील, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज ऑटो, एमआरएफ, वेदांत और अंबुजा सीमेंट्स उन 25 शेयरों में शामिल हैं जिनके लिए सौदे के दिन ही निपटान व्यवस्था की शुरुआत की जा रही है। इन शेयरों में दोपहर 1:30 बजे तक हुए खरीद-फरोख्त के लिए जिस दिन सौदा उसी दिन निपटान यानी टी+0 निपटान किया जाएगा।

भारत में करीब एक साल पहले ही टी+1 निपटान यानी सौदे के एक दिन बाद निपटान व्यवस्था को पूरी तरह लागू किया जा चुका है जबकि अमेरिकी बाजार में टी+1 निपटान व्यवस्था को पूरी तरह लागू करना अभी बाकी है।

सौदे के दिन ही निपटान व्यवस्था को फिलहाल वैक​ल्पिक रखा जाएगा और इ​क्विटी नकदी श्रेणी में मौजूदा टी+1 निपटान व्यवस्था साथ-साथ जारी रहेगी। हालांकि सौदे के ही दिन निपटान व्यवस्था का लाभ फिलहाल सभी निवेशक नहीं उठा सकेंगे क्योंकि कई ब्रोकर इसके लिए अभी तैयार नहीं हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैं​शियल सर्विसेज और ऐ​क्सिस सिक्योरिटीज जैसे बड़े ब्रोकरों ने कहा है​ कि वे गुरुवार से सौदे के दिन ही निपटान यानी टी+0 निपटान की पेशकश नहीं करेंगे। अ​धिकतर अन्य बड़े ब्रोकरों ने भी कहा है कि वे इस सुविधा की पेशकश करने से पहले सिस्टम की तैयारी का इंतजार कर रहे हैं।

एसोसिएशन ऑफ नैशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष विजय मेहता ने कहा, ‘यह एक वैक​​ल्पिक प्रावधान है और इसलिए सभी ब्रोकरों के लिए इसे लागू करना बाध्यकारी नहीं है। फिलहाल इसके लिए कुछ बहुत लि​क्विड शेयरों को ही चुना गया है ताकि लेनदेन में कोई समस्या न हो।’

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इससे पहले एक परिपत्र में कहा था कि स्टॉक एक्सचेंज अथवा डिपॉजिटरी उन ब्रोकरों की सूची जारी करेंगे जो समय-समय पर टी+0 निपटान के बीटा संस्करण में भाग लेंगे। इसके अलावा वे उसकी प्रगति पर हर पखवाड़े एक रिपोर्ट भी तैयार करेंगे।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नकदी प्रवाह के बांटे जाने पर चिंता जताते हुए बाजार नियामक को कुछ सुझाव सौंपे थे। ये सुझाव इसी महीने आयोजित सेबी की बोर्ड बैठक में इसे मंजूरी दिए जाने से पहले सौंपे गए थे। सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा कि उन्होंने इसके फायदे के बारे में विदेशी फंडों के साथ चर्चा की है।

सेबी ने इस महीने के आरंभ में जारी एक परिपत्र में कहा था, ‘किसी श्रेणी में टी+0 निपटान चक्र में भाग लेने के लिए सभी निवेशक पात्र होंगे बशर्ते वे बाजार बुनियादी ढांचा संस्थानों (एमआईआई) द्वारा निर्धारित समयसीमा, प्रक्रिया एवं जोखिम आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हों।’

नकदी प्रवाह को बंटने से रोकने के लिए टी+1 और टी+0 निपटान के बीच प्राइस स्प्रेड को काफी कम रखा जाएगा। सेबी ने कहा, ‘टी+0 श्रेणी में कीमत दायरा नियमित टी+1 बाजार मूल्य से 100 आधार अंक ऊपर या नीचे होगा। इस मूल्य दायरे को टी+1 बाजार के मूल्य में हरेक 50 आधार अंकों के उतार-चढ़ाव के बाद नए सिरे से निर्धारित किया जाएगा।’

बाजार नियामक के अनुसार, लेनदेन का जल्द निपटान होने से पूंजी को मुक्त करने में मदद मिलेगी। इससे ग्राहकों को अपने फंड एवं प्रतिभूतियों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने और क्लीयरिंग कॉरपोरेशन को बेहतर जो​​​​​खिम प्रबंधन में मदद मिलेगी।

ऐ​क्सिस सिक्योरिटीज के प्रमुख (ऑनलाइन कारोबार) समीर शाह ने कहा, ‘इस पहल से निवेशकों के लिए नकदी प्रवाह बढ़ेगा। इससे उन्हें प्रतीक्षा अव​धि के कारण निवेश संभावनाओं को खोने के बजाय अन्य कारोबार में अपनी पूंजी लगाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा नई व्यवस्था से काउंटरपार्टी डिफॉल्ट का जो​खिम भी कम होगा।’

भारत ने साल 2002 में टी+5 (सौदे के बाद 5 दिनों में निपटान) व्यवस्था से टी+3 (सौदे के बाद तीन दिन में निपटान) व्यवस्था की ओर रुख किया था। साल 2021 में टी+1 यानी सौदे के अगले दिन निपटान व्यवस्था की शुरुआत चरणबद्ध तरीके से की गई और जनवरी 2023 में से पूरी तरह लागू किया गया।

First Published : March 27, 2024 | 9:11 PM IST