शेयर बाजार

Stock Market: ईरान-इज़राइल तनाव के बीच बैंकिंग और आईटी शेयरों के सहारे चढ़ा बाजार, 2 दो दिन की गिरावट पर लगा ब्रेक

देसी संस्थागत निवेशकों की खरीदारी और दिग्गज शेयरों के प्रदर्शन से बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50 में बढ़त

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- June 16, 2025 | 10:19 PM IST

दो दिन से चली आ रही गिरावट के बाद सोमवार को बेंचमार्क सूचकांकों में उछाल दर्ज हुई। बैंकिंग और प्रौद्योगिकी दिग्गजों में बढ़त के कारण बाजार ने ईरान-इजरायल संघर्ष को नजरअंदाज किया। देसी संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की लगातार खरीदारी ने भी बढ़त को बनाए रखने में मदद की। ज्यादातर वैश्विक बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए, जिससे यह चिंता बढ़ गई कि ट्रेडर पश्चिम एशिया के तनाव के असर को कम करके आंक रहे हैं। सेंसेक्स 678 अंक चढ़कर 81,796 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 228 अंकों की बढ़त के साथ 24,947 पर टिका। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 3.3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 451 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

घरेलू संस्थानों ने 5,781 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध खरीद की। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 2,539 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू संस्थान लगातार 20 सत्रों से शुद्ध खरीदार बने हुए हैं और उन्होंने 94,500 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। यह 19 मार्च को समाप्त 29 दिवसीय निरंतर खरीद अवधि के बाद की सबसे लंबी खरीद अवधि है।

एचडीएफसी बैंक 0.9 प्रतिशत चढ़ा। उसका सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान रहा। उसके बाद इन्फोसिस का स्थान है, जिसमें 1.4 फीसदी का इजाफा हुआ। ​​एचडीएफसी बैंक के शेयरों में तब तेजी आई जब जेफरीज ने एक रिपोर्ट में निजी ऋणदाता को अपनी पहली पसंद बताया। उसने आसान नियमन, कम ब्याज दरों और बेहतर ऋण वृद्धि से बैंक को लाभ मिलने का हवाला दिया। लाभ का श्रेय आंशिक रूप से गिरावट पर खरीदारी रणनीति को दिया गया, क्योंकि पिछले सप्ताह शेयर में 3 फीसदी से अधिक की गिरावट आई थी।

ईरान और इजराइल के बीच जारी हमलों के बावजूद कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहीं क्योंकि तेल उत्पादन सुविधाओं पर हमलों का असर नहीं हुआ। संघर्ष के कारण अभी तक होर्मुज जलडमरूमध्य का रास्ता नहीं रुका है। इस रास्ते से दुनिया के कच्चे तेल की रोजाना की आवाजाही का करीब 5वां हिस्सा निकलता है। ब्रेंट क्रूड 1.9 फीसदी की गिरावट के साथ 74 डॉलर से नीचे कारोबार कर रहा था। सोने की कीमतों में 0.5 फीसदी की गिरावट आई जो 3,413 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। विश्लेषकों को उम्मीद है कि जब तक लड़ाई आगे नहीं बढ़ती और अन्य देश इसमें शामिल नहीं होते, निवेशक गिरावट पर खरीदारी का अपना नजरिया बनाए रखेंगे।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, इजराइल और ईरान के बीच चल रहे भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद बाजार में तेजी आई। उसे लार्ज-कैप शेयरों में बढ़त से सहारा मिला। अस्थिर हालात के बीच निवेशकों ने दीर्घकालिक फंडामेंटल्स पर अपना ध्यान केंद्रित रखा। पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक घटनाक्रम निकट अवधि में बाजार की धारणा को प्रभावित कर सकता है और तनाव कम होने के किसी भी संकेत पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। महंगे मूल्यांकन और अल्पकाल में तेजी के उत्प्रेरकों की कमी के कारण स्मॉलकैप शेयरों के अल्पावधि में कमजोर प्रदर्शन करने की संभावना है।

बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और 2,151 शेयरों में गिरावट आई जबकि 1,944 शेयरों में बढ़त दर्ज हुई। सेंसेक्स के तीन शेयरों को छोड़कर बाकी सभी शेयरों में तेजी रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 0.76 फीसदी की तेजी आई और भारती एयरटेल में 1.04 फीसदी का इजाफा हुआ, जिन्होंने सेंसेक्स की बढ़त में अहम योगदान दिया।

टाटा मोटर्स में 3.8 फीसदी की गिरावट आई जो सेंसेक्स और निफ्टी में शामिल कंपनियों में सबसे अधिक है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 में अपनी लक्जरी इकाई जेएलआर के लिए 5 से 7 फीसदी का परिचालन मार्जिन का अनुमान लगाया है जो उसके पहले के लक्ष्य 10 फीसदी से कम है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्र ने कहा, भू-राजनीतिक तनाव के बीच बाजार की मजबूती उत्साहजनक है। हालांकि, प्रतिभागियों को सतर्क रहना चाहिए और एक दिन की उछाल में नहीं बहकना चाहिए, खासकर तब जब सूचकांक अपनी मौजूदा समेकन सीमा के ऊपरी दायरे यानी 25,000-25,200 क्षेत्र के करीब हो। हम विभिन्न क्षेत्रों में मिश्रित रुझानों को देखते हुए अपेक्षाकृत कम अस्थिर काउंटरों को प्राथमिकता देने और शेयर विशेष में ट्रेडिंग का नजरिया बनाए रखने की सलाह देते हैं।

First Published : June 16, 2025 | 10:04 PM IST