हालिया तेज गिरावट के बाद देसी निवेशकों की खरीदारी और वैश्विक बाजारों के रुझान से मंगलवार को भारतीय शेयरों के सूचकांकों में मामूली बढ़ोतरी हुई। पिछले चार कारोबारी सत्रों में निफ्टी और सेंसेक्स में 2.6 और 2.4 फीसदी की गिरावट आई है। दिसंबर में देश की सालाना खुदरा मुद्रास्फीति (जो चार महीने के निचले स्तर पर आ गई) ने भी हाल ही में बुरी खबरों से जूझ रहे निवेशकों को कुछ खुशी दी। मंगलवार को सेंसेक्स ने 170 अंक या 0.2 फीसदी की बढ़त के साथ 76,500 पर कारोबार की समाप्ति की जबकि निफ्टी 90 अंक की बढ़त के साथ 23,176 पर टिका। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 6 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 423 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
इन खबरों के बाद घरेलू निवेशकों की खरीदारी और वैश्विक बाजारों में बढ़त हुई कि ट्रम्प की आर्थिक टीम मुद्रास्फीति से बचने के लिए धीरे-धीरे शुल्क बढ़ोतरी पर विचार कर रही है। इससे मनोबल को बढ़ावा मिला।
दिसंबर तिमाही में कंपनियों की आय से चिंतित और अमेरिकी नौकरियों की नवीनतम रिपोर्ट के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारी बिकवाली की जिससे सोमवार को भारतीय शेयरों में गिरावट आई।
एफपीआई मंगलवार को भी भारतीय शेयरों में भारी बिकवाल बने रहे और 8,132 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री की। घरेलू संस्थानों ने 7,901 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीद की। मंगलवार को एफपीआई की बिक्री 28 नवंबर, 2024 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा थी। जनवरी में एफपीआई अब तक 34,383 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे हैं।
मंगलवार को लाभ व्यापक रहा। 4 जून, 2024 के बाद की एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज करने के बाद निफ्टी मिडकैप 100 में 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ। जून में चौंकाने वाले चुनाव परिणामों ने बाजारों को झकझोर दिया था। मंगलवार को निफ्टी स्मॉलकैप 100 भी 1.98 फीसदी चढ़ा। बीएसई पर 2,823 शेयरों में बढ़त और 1,144 शेयरों में गिरावट दर्ज हुई और इस तरह से चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत रहा।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक बाजारों में उछाल और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित घरेलू महंगाई में नरमी ने व्यापक सूचकांकों को राहत दी है। इससे आरबीआई को अपनी अगली नीति बैठक में कुछ गुंजाइश मिल सकती है। हालांकि तेल की बढ़ती कीमतों और 10 साल के उच्च प्रतिफल पर सतर्क नजर रहेगी। चौथी तिमाही के लिए कमजोर आय अनुमान की चिंताओं के बीच आईटी क्षेत्र में गिरावट आई।
सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान एचडीएफसी बैंक का रहा जिसमें 0.87 फीसदी का इजाफा हुआ। इसके बाद एसबीआई का स्थान रहा जिसमें 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। आने वाले समय में देसी मनोबल मौजूदा आय सीजन और आगामी बजट से तय होगा।